अदालत ने सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को पुलिस हिरासत में भेजा; बताया जान को खतरा
Teesta Setalvad Arresting: गुजरात एटीएम ने शनिवार दोपहर को मुंबई के जुहू इलाके में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को उनके आवास से हिरासत में ले लिया था.
अहमदाबादः सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई में हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते ने इतवार को तड़के उन्हें अहमदाबाद अपराध शाखा को सौंप दिया. अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 गुजरात दंगों के संबंध में झूठे साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष लोगों को फंसाने के एक मामले में इतवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को दो जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजन ने सीतलवाड़ और श्रीकुमार की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया था.
अपराध शाखा के इंस्पेक्टर डीबी बराड़ की शिकायत की बुनियाद पर अहमदाबाद अपराध शाखा में सीतलवाड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उन्हें शनिवार दोपहर मुंबई के जुहू इलाके में आवास से हिरासत में ले लिया गया था. हिरासत में लिए जाने के बाद सीतलवाड़ ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उनकी जान को खतरा है.
सीतलवाड़ पर सरकार ने लगाए हैं ये गंभीर आरोप
सीतलवाड़ के खिलाफ यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और दीगर लोगों को 2002 के गोधरा दंगा कांड में विशेष जांच दल द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद हुई थी. उन सभी पर गुजरात दंगा मामले में तत्कालीन सरकार पर झूठे आरोप लगाने और केस को प्रभावित करने के आरोप हैं. सीतलवाड़ समेत दो पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों-आर बी श्रीकुमार और संजीव भट्ट पर जालसाजी, आपराधिक साजिश, मारपीट के झूठे आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही को बाधित करने सहित अन्य इल्जाम लगाए गए थे. इस मामले में शनिवार को पूर्व डीजीपी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि भट्ट हिरासत में मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
सीतलवाड़ की मुहिम के पीछे सोनिया का हाथ होने संबंधी भाजपा के आरोप निराधारः कांग्रेस
कांग्रेस ने इतवार को भाजपा के इन इल्जामों को बेबुनियाद करार दिया कि गुजरात में 2002 में हुए दंगों को लेकर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा चलाए गए मुहिम के पीछे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का हाथ था. कांग्रेस ने कहा कि ये इल्जाम उच्चतम न्यायालय के आदेश की सीधी अवमानना हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा कहा था, ‘‘सीतलवाड़ अकेली नहीं थीं. प्रेरक शक्ति कौन थी? सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी.
सीतलवाड़ ने की थी जाकिया जाफरी की मदद
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 के गुजरात दंगा मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा मोदी और अन्य को दी गई ‘क्लीन चिट’ को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. सीतलवाड़ के एनजीओ ने इस मामले में जकिया जाफरी का समर्थन किया था, जिन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश होने का इल्जाम लगाते हुए याचिका दायर की थी. जकिया के पति और कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी इन दंगों में 67 लोगों सहित मारे गए थे.
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