Azam Khan Case Transfer Petition: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री मोहम्मद आज़म ख़ान के हवाले से बड़ी ख़बर आ रही है. गुरुवार को आज़म ख़ान की अर्ज़ी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में हाई कोर्ट ने रामपुर के जिला जज और यूपी सरकार से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट ने दोनों को जवाब दाख़िल करने के लिए 10 दिन का वक़्त दिया है. बता दें कि, आजम खान ने रामपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में चल रहे 6 मुकदमों की सुनवाई किसी दूसरे ज़िले में ट्रांसफर करने की मांग करते हुए अर्ज़ी दायर की थी. जिसपर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यूपी हुकूमत और जिला जज से जवाब मांगा है.


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6 फरवरी को होगी सुनवाई
आज़म ख़ान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कपिल सिब्बल, सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा मेंबर विवेक तन्खा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए बहस की. विनीत विक्रम ने कोर्ट में अपनी दलील पेश की. जिसपर कोर्ट ने जवाब मांगा है. वहीं, न्यायाधीश डी के सिंह की सिंगल पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. हालांकि, अब इस केस की सुनवाई के लिए 6 फरवरी की तारीख़ तय की गई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में एसपी लीडर आज़म ख़ान की तरफ़ से पैरवी कर रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके ख़िलाफ यूपी में जितने मुक़दमे हैं. ऐसा लगता है कि उन्हें इंसाफ़ नहीं मिलेगा.


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आज़म के केस की पैरवी कर रहे हैं सिब्बल 
सिब्बल ने कहा कि आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ 87 मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे में सभी मुक़दमों को राज्य से बाहर ट्रांसफर किया जाए. सिब्बल ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि यूपी में इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं है. हम इसलिए यहां आए हैं. बता दें कि, आज़म ख़ान के केस की पैरवी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कपिल सिब्बल कर रहे हैं. गौरतलब है कि, हेट स्पीच से जुड़ा यह केस 2019 लोकसभा इलेक्शन के दौरान का है. कथित रूप से आज़म ख़ान ने रामपुर की मिलक असेंबली में एक इंतेख़ाबी तक़रीर के दौरान काबिले ऐतराज़ और भड़काऊ तब्सिरा किया था, इसकी शिकायत बीजेपी लीडर आकाश सक्सेना ने की थी. 


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