Azam Khan case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता आज़म खां के परिवार से संबंधित दो मामलों में आज रामपुर MP-MLA कोर्ट का फैसला आया है. MP-MLA कोर्ट ने पड़ोसी से मारपीट और धमकाने के मामले में आजम परिवार को राहत दी है. वही अब्दुल्ला आज़म के 2 जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े मामले में आज़म खां, अब्दुल्ला आज़म, तंज़ीन फातिमा को हुई 7 साल की सज़ा के खिलाफ की गई अपील खारिज हो गई हैं. कोर्ट ने आज 23 दिसंबर को आजम खां और अब्दुल्लाह आजम को आदालत में पेश होने का आदेश दिया था. आजम खां को सीतापुर जेल और बेटे अब्दुल्लाह आजम को हरदोई जेल से कोर्ट में लाया गाया था. 


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किस मामलें में मिली राहत
आपको बता दें रामपुर के ही निवासी मोहम्मद अहमद खान ने 18 अगस्त 2019 को आरोप लगया था कि आजम खां, उनके भाई शरीफ, भतीजे बिलाल अहमद और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम ने उनके उपर जानलेवा हमला किया है. इसके बाद थाना गंज में आजम खां और परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में कोर्ट में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है. जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आज़म खान अब्दुल्ला आज़म शरीफ खान और बिलाल खान को बरी कर दिया है. 


7 साल की सजा के खिलाफ अपील खारिज 
बता दें अब्दुल्ला आज़म के 2 अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के केस में आज़म खां, अब्दुल्ला आज़म और तंज़ीन फातिमा को हुई 7 साल की सज़ा हुई थी. जिसके खिलाफ आज़म पक्ष की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसको MP-MLA कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अरज़ी पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है.  


प्रॉसिक्यूटिंग ऑफिसर अमरनाथ तिवारे ने मीडिया को बताया कि आज MP-MLA कोर्ट में आजम खां से जुड़े दो मामलों में सुनवाई का दिन था. जिसमें एक मामला जो कि पड़ोसी से मारपीट करने, धमकी देने और रंगदारी से जुड़ा था. इस मामले में आजम खां, उनके भाई शरीफ अहमद, भतिजे बिलाल और बेटा अब्दुल्लाह आजम को कोर्ट ने बरी कर दिया है. लेकिन अब्दुल्लाह आजम के दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों से जुड़े मामले में 7 साल की सज़ा को बरकरार रखा है.