Abdullah Azam  Case: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सपा नेता अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. दरअसल 10 मई को रामपुर की स्वार सीट पर उपचुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर अब्दुल्ला आजम एमएलए थे लेकिन एक मामले में कुसूरवार साबित होने के बाद उनकी मेंबरशिप रद्द हो गई. दोषसिद्धि वाले हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी.


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10 मई को ही होंगे उपचुनाव:SC
स्वार असेंबली सीट पर आने वाली 10 मई को होने वाले उपचुनाव को रोकने के लिए अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग को रद्द कर दिया और वोटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्वार में तयशुदा समय पर ही वोट डाले जाएंगे. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश में अब्दुल्ला आजम को प्रोटेस्ट से संबंधित एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अर्जी को खारिज कर दिया था.



जुलाई में होगी सुनवाई
जस्टिस अजय रस्तौगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने अब्दुल्ला आजम की अपील पर यूपी सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि अब्दुल्ला आजम की अयोग्यता के बाद खाली हुई स्वार असेंबली सीट पर 10 मई को होने वाला चुनाव होगा. बेंच ने मामले की अगली सुनवाई के लिए जुलाई के दूसरे हफ्ते का समय निर्धारित करते हुए कहा, "जवाब दाखिल होने दें. दस मई को होने वाला चुनाव इस विशेष अनुमति याचिका के परिणाम के पर आधारित होगा".



"किशोरावस्था पर नहीं,रोक संबंधी याचिका पर सुनवाई"
अब्दुल्ला आजम की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने दावा किया कि उनके मुवक्किल उस वक्त किशोर थे जब यह वाक्या पेश आया हुई था. इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह फिलहाल याचिकाकर्ता के किशोरावस्था को लेकर सुनवाई नहीं कर रहा है, बल्कि दोषसिद्धि पर रोक संबंधी याचिका पर गौर कर रहा है. बता दें कि, अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 13 अप्रैल के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उनकी दोषसिद्धि पर रोक संबंधी अर्जी खारिज कर दी गई थी.


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