Azam Khan: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर व पूर्व सहकारिता मंत्री आज़म ख़ान गुरुवार को शाहजहांपुर सीजेएम कोर्ट में गवाही देने पहुंचे. उनके ख़िलाफ़ 28 साल पुराने एक केस में गवाही के लिए नहीं आने पर ज़मानती वारंट जारी किया गया था. 1995 में आज़म ख़ान जब सहकारिता मंत्री के ओहदे पर थे, तब 28 अप्रैल 1995 को लखनऊ से रामपुर जाते समय उन्होंने शाहजहांपुर के मीरानपुर कटरा स्थित किसान सेवा सहकारी समिति लिमिटेड का जायज़ा लिया था।. वहां चार कट्टा यूरिया कम मिला था. इसके अलावा वहां और भी गड़बड़ी मिली थी. आजम ने इस मामले में जांच की हिदायात दी थीं. हालांकि, उन्होंने अदालत के बाहर मीडिया से किसी तरह की कोई बात नहीं की.


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गवाही देने पहुंचे आज़म ख़ान
बरेली के उस समय के एडिशनल जिला सहकारी अफ़सर राम सिंह यादव ने जांच के बाद इस मामले में कटरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तहक़ीक़ात के बाद किसान सेवा सहकारी कमेटी कटरा के उस समय के मैनेजिंग डायरेक्टर रामबाबू गुप्ता के ख़िलाफ़ अदालत में चार्डशीट दाख़िल कराई गई थी. मौजूद वक़्त में ये केस सीजेएम अदालात में विचाराधीन है. इस केस में गवाह राम सिंह व केदारनाथ यादव का निधन हो चुका है. आज़म ख़ान भी इसमें गवाह थे. मुक़दमा पुराना होने की वजह से सपा नेता यहां तारीख़ पर नहीं आ रहे थे, इसलिए उनके ख़िलाफ़ पिछले दिनों वारंट जारी कर दिया गया था, जिसमें 9 फरवरी को आज़म ख़ान गवाही देने पहुंचे.


 6 फरवरी को मुरादाबाद की MP-MLA में हुए थे पेश
बता दें कि बीती 6 फरवरी को भी मुरादाबाद की MP-MLA अदालत में समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर आज़म ख़ान की पेशी हुई थी. 2008 के छजलैट केस मे कोर्ट से लगातार ग़ैर हाज़िर होने के कारण 2020 में कोर्ट की तरफ से मुक़दमा दर्ज कराया गया था. कोर्ट ने आज़म ख़ान को अपना पक्ष रखने के लिए 20 फरवरी की तारीख़ दी है. अब इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी.आज़म ख़ान और उनके वकील अब अगली सुनवाई के दौरान अपना पक्ष और सबूत पेश करेंगे. 2008 में छजलेट थाना क्षेत्र में जाम लगाने और सरकारी कामों में रुकावट डालने को लेकर उन पर केस दर्ज हुआ था.


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