भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव की बढ़ी मुश्किल; सुप्रीम कोर्ट से आज भी नहीं मिली राहत
Supreme Court News: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण कोर्ट के सामने पेश हुए. लेकिन आज भी उन्हें राहत नहीं मिली है.
SC On Patanjali Misleading Advertisements Case: भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किल कम होती नजर नहीं आ रही है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अभी उन्हें इस मामले में राहत नहीं मिली है. दरअसल, योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि, वे गुमराह करने वाले विज्ञापन मामले में सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हैं. रामदेव और बालकृष्ण की तरफ से पैरवी कर रहे सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच से कहा, कि वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हूं. शीर्ष अदालत ने कक्ष में मौजूद रामदेव और बालकृष्ण को बेंच के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा. बेंच ने कहा, ''उन्हें महसूस होना चाहिए कि उनका अदालत से जुड़ाव है''. अब 23 अप्रैल को मामले की सुनवाई होगी.
दो अलग-अलग हलफनामों हो चुके हैं दाखिल
बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने अपने प्रोडेक्ट्स के मेडिकल असर के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले कंपनी के इश्तेहार पर शीर्ष अदालत के समक्ष बगैर शर्त माफी मांगी है. उच्चतम न्यायालय में दाखिल दो अलग-अलग हलफनामों में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बगैर शर्त माफी मांगी है. शीर्ष अदालत ने 21 नवंबर, 2023 के आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे भरोसा दिया था कि, अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित और विपणन किए गए प्रोडेक्ट्स के एड या ब्रांडिंग के सिलसिले में किसी भी कानून की खिलाफवर्जी नहीं की जाएगी.
अदालत पर पूरा भरोसा: रामदेव
पतंजलि ने यह भी कहा था कि, असर के सिलसिले में या मेडिकल की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी तौर पर मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा. शीर्ष अदालत ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, इस तरह का भरोसा दिलाने पर उसके पालन करने के लिए बाध्य है. आश्वासन का पालन नहीं करने और उसके बाद मीडिया में बयान जारी किए जाने पर शीर्ष अदालत ने अफसोस व्यक्त किया था. कोर्ट ने बाद में पतंजलि को 'वजह बताओ नोटिस' जारी किया कि क्यों न उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए. वहीं, रामदेव ने कहा कि, मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है.