Bareilly News: हिमाचल प्रदेश के संजौली मस्जिद विवाद की से भड़की आग देश कई राज्यों में फैल चुकी है. हिन्दू संगठन कभी अवैध मस्जिद तो कभी अवैध मजार बताकर ध्वस्त करने की मांग करते रहते हैं. इसी तरह का मामला आज उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से सामने आया है, जहां  हिंदू संगठनों ने एक मस्जिद को यह कहते हुए ध्वस्त करने की मांग की कि यह मस्जिद अवैध है और मस्जिद की ज्यादातर हिस्सों को तालाब की जमीन पर बनाया गया है.


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 देशभर में मस्जिदों, दरगाहों और अन्य मजहबी स्थलों के नीचे मंदिर को ढूंढने पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अगली सुनवाई तक रोक लगाने के बाद यह नया मामला आया है. हालांकि, यह उससे अलग केस है. ताजा मामले में हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मस्जिद प्रशासन ने मस्जिद को तालाब की जमीन पर बनाया है और जिले के आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी. 


इसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और जमीन की पैमाईश, नाप-जोक कराया, जिसमें पाया गया की मस्जिद का पिछला हिस्सा तालाब की जमीन पर बना है, इसके बाद प्रशासन के आदेश पर मस्जिद कमेटी ने पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद के कुछ हिस्से को गिरा दिया.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला जिले के मीरगंज क्षेत्र के गांव तिलमास का है, जहां रविवार, 29 दिसंबर को हिन्दू संगठन से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट के जरिए इस मुद्दे को उठाया था. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. तहसील प्रशासन हरकत में आया और एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा, सीओ अंजनी कुमार तिवारी और एसएचओ सिद्धार्थ सिंह तोमर ने राजस्व टीम के साथ मौके की जांच की.  इसमें पाया गया कि मस्जिद के पीछे का हिस्सा तालाब की जमीन डाला गया है.


एसडीएम ने बातचीत कर सुलझाया मामला
इसके बाद एसडीएम ने मस्जिद कमेटी से बातचीत की और मस्जिद के तालाब में बने अतिरिक्त ढांचे को ढहाने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में शाम को मस्जिद के तालाब की जमीन पर बने हिस्से को तोड़ दिया गया.