बेगूसरायः हमेशा अपने बयानों से विवादों में रहने वाले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को ऐसा बयान दिया है, जिससे एक बार फिर विवादा बढ़ सकते हैं. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि धर्म की बुनियाद पर देश के विभाजन के वक्त यह सुनिश्चित नहीं किया गया था कि भारत में सिर्फ सनातन धर्म को मानने वाले लोग ही रेंगे. भाजपा नेता सिंह ने आबादी नियंत्रण के लिए एक कानून की भाजपा की मांगों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. उसी वक्त उनसे हिंदू समुदाय के बारे में असम के नेता बदरुद्दीन अजमल द्वारा की गई कथित विवादास्पद टिप्पणी पर पूछे जाने के बाद उन्होंने ये टिप्पणी की है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘देश को धर्म के नाम पर बांटा गया था. अगर हम तभी यह तय कर लेते कि सिर्फ सनातन धर्म को मानने वाले ही भारत में रहेंगे, तो हमें आज बदरुद्दीन और (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन प्रमुख) असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोगों के ऐसे बयान नहीं सुनने पड़ते.’’ 
गौरतलब है कि बदरुद्दीन अजमल ने हिंदुओं को मुसलमानों की तरह कम उम्र में शादी करने और ज्यादा बच्चा पैदा करने की सलाह दी थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि देश में हिंदू गैर-कानूनी तरीके से चार-चार शादियां कर रहे हैं. अजमल के इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना की जा रही है. 

देश में आबादी वृद्धि को नियंत्रित किए किए जाने की जरूरत बताते हुए सिंह ने बदरुद्दीन और उनके जैसे लोगों को चीन के खिलाफ बोलने की चुनौती दी, जहां सालों से मजबूत जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है.’’ सिंह ने कहा, ‘‘पड़ोसी मुल्क की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 1980 के दशक के आखिर तक हमारी तुलना में कम थी. देखिए वे अब कहां पहुंच गए हैं.’’ सिंह ने कहा, ‘‘चीन के जनसंख्या कानून ने उस देश के मुसलमानों सहित किसी को भी छूट नहीं दी है. हम दुनिया की 20 फीसदी आबादी हैं, भले ही हमारा इलाका दुनिया भर में कुल भूमि द्रव्यमान का सिर्फ 2.5 फीसदी हैं. जब तक हम जनसंख्या वृद्धि को कंट्रोल करने के लिए कदम नहीं उठाते हैं, तब तक हम स्थाई आर्थिक विकास हासिल नहीं कर सकते हैं.’’ 


Zee Salaam