Ashneer Grover Case: अशनीर ग्रोवर को कौन नहीं जानता. हाल ही में एक रियल्टी शो से सुर्खियों में आये अशनीर ग्रोवर को पहले ज़्यादा लोग नहीं जानते थे. सिर्फ वो ही जानते थे, जो टेक्नोलॉजी से जुड़े है, या बैकिंग ट्रांज़ेक्शन करते है, या कभी उनके बारे में कहीं पढ़ा गया हो. दूसरे शब्दो में कहा जाये तो अशनीर वो शार्क हैं, जिनके पास बिज़नेस के एक से बढ़कर एक आइडियाज़ है. जो लोग रियलटी शो के ज़रिए अशनीर ग्रोवर को जानते हैं, उनको ये भी जानना चाहिए कि डिजीटल लेनदेन के लिए सभी कंपनियों को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के पीछे अशनीर ग्रोवर का ही दिमाग था. भारतपे के ज़रिए, किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन कर के ट्रांज़ैक्शन किया जा सकता है. अब उसी फिनटेक प्लेटफॉर्म भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ कंपनी के धन की भारी हेराफेरी को लेकर मामला दर्ज कराया है. 


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सिविल और क्रिमिनल कार्यवाही शुरू
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, अशनीर ग्रोवर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी बिल बनाने, वेंडर भुगतान और व्यक्तिगत उपयोग जैसे विभिन्न तरीकों से ठगी की है. लिहाज़ा भारतपे कंपनी ने ग्रोवर्स को 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 88.6 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है. इसके लिए नई दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के साथ आपराधिक मामला दायर किया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट दीवानी मामले की सुनवाई कर रहा है, जहां कंपनी ने ग्रोवर्स को कंपनी के फंड को चुकाने के लिए कहा है, जिसे उन्होंने अलग अलग माध्यमों से कथित रूप से गलत तरीके से गबन किया है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हमें अदालतों और अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि न्याय होगा.  


भारतपे मुकदमे में एक अन्य पक्ष दीपक जगदीशराम गुप्ता हैं, जो माधुरी जैन के बहनोई हैं, और व्यवस्थापक प्रमुख के रूप में काम करते हैं, और माधुरी जैन को रिपोर्ट करते हैं. पहले की रिपोर्ट्स के मुताबिक, माधुरी जैन ने खुद भुगतान के लिए चालान प्राप्त किए और उन्हें खातों की टीम को भेज दिया. ये चालान कथित तौर पर श्वेतांक जैन द्वारा बनाए गए थे. जो उनके भाई हैं और मुकदमे में उनका भी नाम हैं.


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