Madarsa Studnets: बिहार के अररिया से सहारनपुर जा रही नाबालिग बच्चों से भरी एक बस को अयोध्या पुलिस ने रोक लिया. पुलिस को शक था कि बच्चों को मानव तस्करी के तहत ले जाया जा रहा था. हालांकि अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश के मदरसा के बच्चे थे. ये बच्चे ईद की छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे. अधिकारियों ने बीते कल यह जानकारी दी. एक खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस, बाल कल्याण समिति और एक एनजीओ की एक टीम ने बस को रोक लिया था.


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पुलिस ने रोकी बस
बस बिहार के अररिया जिले से सहारनपुर जा रही थी. बाल कल्याण समिति (अयोध्या) के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने कहा, "बस में आठ से 15 साल की आयु के कुल 95 बच्चे यात्रा करते पाए गए. बस को शुक्रवार देर रात शहरी क्षेत्र में रोका गया."


ईद के लिए घर गए थे बच्चे
प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि सभी नाबालिग अररिया के रहने वाले थे और उन्होंने सहारनपुर के एक मदरसे में दाखिला लिया था. उन्होंने कहा, वे ईद की छुट्टियों के बाद लौट रहे थे. सर्कल ऑफिसर (सिटी) शैलेन्द्र सिंह ने कहा, "प्रक्रिया का पालन करते हुए बच्चों को लखनऊ के एक सरकारी आश्रय गृह में ले जाया गया. उनके माता-पिता को बुलाया गया और पहचान के लिए आश्रय गृह पहुंचने के लिए कहा गया."


सहारनपुर जाने की इजाजत
अधिकारी ने जोर देकर कहा कि मानव तस्करी की किसी भी संभावना को दूर करने के लिए यह कार्रवाई की गई है. अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश बच्चों की पहचान का सत्यापन शनिवार को पूरा हो गया और उन्हें सहारनपुर जाने की इजाजत दे दी गई. 


मानव तस्करी की गलत जानकारी
जमीयत उलेमा हिंद अयोध्या के अध्यक्ष हाफिज इरफान अहमद को घटना की जानकारी दी गई और उन्होंने बच्चों से बात भी की. उन्होंने न्यूज एजेंसी भाष को बताया कि "मानव तस्करी के बारे में प्रशासन को गलत जानकारी दी गई, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के बाल गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है, उनके माता-पिता आ रहे हैं और सहारनपुर के मदरसे से सत्यापन भी किया जा रहा है."