मुजफ्फरपुरः कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने ( wearing hijab) को लेकर पिछले कई माह से विवाद जारी है. हिजाब की अनिवार्यता का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के पास सुनवाई के लिए पहुंच चुका है. वहीं, इतवार को बिहार के मुजफ्फरपुर (Bihar Muzaffarpur) शहर की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि एक कॉलेज में परीक्षा के दौरान पुरुष शिक्षक ने हिजाब के कारण उस पर आपत्तिजनक टिप्पणी (objectionable remarks for hijab) की है. इससे पहले उसने इम्तिहान के दौरान हिजाब हटाने से इनकार कर दिया था. यह घटना महंत दर्शन दास महिला कॉलेज (Mahant Darshan Das Mahila College) में हुई है, जो शहर के मिठनपुरा इलाके में स्थित है. यहां अभी इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों की जांच परीक्षाएं चल रही है. जो विद्यार्थी इस परीक्षा में सफल होते हैं, वे ही अंतिम बोर्ड इम्तिहान में बैठने के योग्य माने जाते हैं.

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हिजाब कोई मसला ही नहीं था, छात्रा के इरादे ठीक नहीं थे 
प्रधानाचार्य ने कहा, “हिजाब कोई मसला ही नहीं था. कई विद्यार्थी परीक्षा हॉल में मोबाइल फोन लेकर आए थे, जो नियमों के खिलाफ था. यह लड़की उन विद्यार्थियों में थी, जिनसे परीक्षा हॉल के बाहर अपने मोबाइल रखकर आने को कहा गया था.“ प्रिया ने कहा कि छात्रा से सिर्फ कान दिखाने के लिए कहा गया था, क्योंकि एक शिक्षक को सिर्फ इसकी जांच करनी थी कि क्या उनके पास ब्लूटूथ उपकरण है या नहीं ? प्रधानाचार्य ने इल्जाम लगाया है कि अगर लड़की को इससे कोई परेशानी थी तो वह परीक्षा नियंत्रक या मुझे सूचित कर सकती थी, लेकिन उसके इरादे कुछ और थे. उसने स्थानीय थाने और कुछ स्थानीय असामाजिक तत्वों को फोन कर इसकी जानकारी दी. ऐसा लगता है कि उन्हें वह जानती थी. जब कुछ लोग कॉलेज पहुंचे तो लड़की ने हंगामा किया था.”

छात्रा ने राष्ट्र विरोधी कहने का इल्जाम लगाया  
प्रिया ने कहा, “छात्रा ने दावा किया कि शिक्षक ने उसे राष्ट्र विरोधी कहा था और उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा. मैं उस वक्त परीक्षा हॉल में नहीं थी, लेकिन परीक्षा देने आई अन्य लड़कियों ने कहा है कि यह झूठ है.” कॉलेज की प्रधानाचार्य ने यह भी दावा किया है कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि लड़की का कॉलेज में अटेंडेंस बहुत खराब रहा है. प्रिया ने कहा, “शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है कि 75 फीसदी से कम उपस्थिति वाले किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी.” उन्होंने दावा किया है कि लड़की ने शायद इस वजह से यह इल्जाम लगाया है कि इससे कॉलेज प्रशासन को धमकाया जा सकता है और वह उनके मामले पर नरम रुख अख्तियार कर लेगा.

हम हालात पर नजर रखेंगे
स्थानीय मिठनपुरा थाने के एसएचओ श्रीकांत सिन्हा ने कहा कि विवाद उस वक्त हुआ जब परीक्षा शुरू ही हुई थी. एसएचओ ने कहा, “हमने दोनों पक्षों की काउंसलिंग की और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से पूरी कराई गई. फिलहाल मामला दर्ज करने या इलाके में अतिरिक्त बल तैनात करने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन हम हालात पर नजर रखेंगे.” 


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