Bulldozer Politics in Uttar Pradesh: यूपी विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने मकानों को ध्वस्त करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने सदन में चर्चा के दौरान कहा, "लखनऊ के अकबरनगर में गरीबों के मकानों को ध्वस्त कर दिया गया. जबकि उनके पास दस्तावेज हैं. रविदास मेहरोत्रा ने कहा, "लोकसभा चुनाव के बाद लखनऊ की अकबरनगर बस्ती में मौजूद मकानों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की गई. यहां करीब एक हजार से अधिक मकान और करीब 10 से अधिक दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. महिलाएं और बच्चे चीखते चिल्लाते रहे. लेकिन, प्रशासन ने उनकी गुहार को अनदेखा कर यहां कार्रवाई की. इस दौरान मस्जिद-मदरसें और छह प्राचीन मंदिरों पर भी बुलडोजर चलाया गयाा."


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भाजपा ने धवस्त किए मंदिर
उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोला. कहा, "भाजपा सरकार मंदिर के नाम पर वोट मांगती है. लेकिन, उन्होंने अकबरनगर में छह प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त करने का काम किया है. सरकार ने पीड़ितों को अकबरनगर से बसंत कुंज कॉलोनी में शिफ्ट कर मकान तो दे दिए. मगर अब उनसे मकान के नाम पर चार लाख रुपए मांगे जा रहे हैं. वहां पीने के पानी, शौचालय और स्कूल की भी व्यवस्था नहीं है. इस सरकार ने अकबरनगर में गरीबों को उजाड़ने का काम किया है. करीब 12 हजार लोग वहां रहते थे. लेकिन, बुलडोजर चलाकर गरीबों के घर छीन लिए गए."


पीड़ितों को इंसाफ
सपा विधायक ने कहा, "अकबरनगर में लोगों के पास वैध दस्तावेज थे. मगर प्रशासन ने घरों पर लाल निशान लगा दिए और उनके घरों पर नोटिस चस्पा किया गया. लोगों ने प्रशासन के निर्णय के खिलाफ जन आंदोलन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की. तब जाकर इस कार्रवाई स्थगित किया गया. हालांकि, मकान तोड़ने के आदेश को सीएम योगी ने अभी तक निरस्त नहीं किया है. सिर्फ कार्रवाई को कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है. रविदास मेहरोत्रा ने सरकार को तुरंत ही इस आदेश को रद्द कर पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की मांग रखी.