BJP First List 2024: भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, इस सूची में जगह बनाने वाले नामों में कुछ कमी थी. सूची में फायरब्रांड नेता प्रज्ञा ठाकुर और दिल्ली के मौजूदा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और रमेश बिधूड़ी नहीं थे. तीनों नेता संसद के अंदर और बाहर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रहे हैं. लेकिन पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रज्ञा ठाकुर का नाम नहीं
भोपाल में बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर की जगह आलोक शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. साल 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी, फायरब्रांड नेता के पिछली बार नामांकन ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. तब से लेकर अब तक के पांच सालों में उन्हें कई विवादों में फंसते देखा गया है. स्वास्थ्य के आधार पर जमानत पर बाहर, ठाकुर को कबड्डी खेलते और गरबा रातों में भाग लेते देखा गया है. लेकिन जिस विवाद ने उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, वह उनका वह बयान है जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को "देशभक्त" कहा था.


परवेश साहिब सिंह वर्मा का टिकट कटा
भाजपा की सूची एक दूसरे शख्स जिसका नाम नहीं था वह है पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा का. दो बार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के बेटे, उन्हें एक मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता है. लेकिन 46 साल के नेता अपनी भड़काऊ टिप्पणियों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं.


मुसलमानों का किया था बहिष्कार
2020 के दिल्ली चुनावों से पहले, वर्मा ने शाहीन बाग विरोध के दौरान विवादास्पद टिप्पणी की थी और कहा था कि अगर भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आई तो प्रदर्शनकारियों को एक घंटे में हटा दिया जाएगा. साल 2022 में, वर्मा फिर से सुर्खियों में आए. भाजपा सांसद ने कहा था, "आप उन्हें जहां भी देखें, यदि आप उनका सिर ठीक करना चाहते हैं, यदि आप उन्हें सीधा करना चाहते हैं, तो एकमात्र इलाज पूरी तरह से बहिष्कार है. अगर आप सहमत हैं तो अपना हाथ उठाएं."


रमेश बिधूड़ी को मिली सजा
एक दूसरे सांसद जिन्हें उनकी टिप्पणी के लिए हटाया जा सकता है, वे हैं दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी. पिछले साल सितंबर में लोकसभा में एक चर्चा के दौरान, बिधूड़ी ने अमरोहा के सांसद दानिश अली के लिए इस्लामोफोबिक अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. अपमानजनक टिप्पणियां कैमरे में कैद हो गईं और बड़ा विवाद खड़ा हो गया. हालांकि दक्षिणी दिल्ली के सांसद ने बाद में माफी मांगी, लेकिन भाजपा की पहली सूची से पता चलता है कि यह पर्याप्त नहीं था.


जयंत सिन्हा निराश
भाजपा के सांसद जयंत सिन्हा का भी भाजपा ने टिकट काट दिया है. उन्होंने और कुछ दूसरे भाजपा नेताओं ने झारखंड के रामगढ़ में मीट व्यापारी की लिंचिंग के मामले में सुर्खियां बटोरी थीं. उन्होंने आरोपियों की कानूनी फीस का भुगतान किया था. इसके अलावा उन्होंने जेल से निकले आरोपियों का स्वागत किया था.


33 सांदसों को टिकट नहीं
दिल्ली के जिन अन्य प्रमुख सांसदों को हटाया गया है उनमें मीनाक्षी लेखी और हर्ष वर्धन शामिल हैं. भाजपा की 195 उम्मीदवारों की पहली सूची में कुल 33 मौजूदा सांसदों को जगह नहीं मिली है.