BJP Focus on Muslim Voters: यूपी के मुस्लिमों के दरमियान पैठ जमाने के लिए बीजेपी ने 'स्नेह मिलन सम्मेलन' के ज़रिए मुसलमानों को 'एक देश एक डीएनए' का वास्ता देकर पार्टी से जोड़ने की रणनीति बनाई है. इसकी शुरुआत बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ईद के बाद पश्चिमी यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले से करेगी. इन सम्मेलनों के ज़रिए बीजेपी मुसलमानों के दिल में जगह बनाने की कोशिश करेगी, क्योंकि वेस्टर्न यूपी में मुस्लिम जाट, मुस्लिम गुर्जर, मुस्लिम राजपूत, मुस्लिम त्यागी जैसी काफ़ी बिरादरियां हैं, यही जातियां हिंदू समाज के बीच पाई जाती हैं और उनके बीच आपसी रिश्ते बहुत अच्छे हैं.


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मुस्लिम वोटर्स पर बीजेपी की नज़र
अगर यूपी की बात करें तो यहां तक़रीबन 20 फीसद मुस्लिम वोटर्स है, जो दो दर्जन से अधिक ज़िलों की राजनीति पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं. यहां 20 से 65 फीसद तक मुस्लिम आबादी है. उत्तर प्रदेश की 90 से ज़्यादा असेंबली सीटों पर मुस्लिम वोटर्स एक अहम रोल अदा कर सकते हैं. साथ ही 29 लोकसभा सीटों पर अपना असर रखते हैं. बीजेपी  2024 के लोकसभा इलेक्शन की तैयारियों में लग गई हैं. यही वजह है कि बीजेपी यूपी की सभी 80 सीटों पर कामयाबी का परचम लहराना चाहती है.बीजेपी को इस बात का अंदाज़ा है कि बग़ैर मुस्लिम तबक़े की मदद के, वो अपने मक़सद में कामयाब नहीं हो सकती है.



दरगाहों और मज़ारों पर होंगे प्रोग्राम
अपने मक़सद को हासिल करने के लिए बीजेपी यूपी में 'मुस्लिम स्नेह मिलन सम्मेलन कार्यक्रम'  के ज़रिए मुस्लिम वोटर्स को अपने पाले में करना चाहती हैं.  यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के सद्र कुंबर बासित अली ने बताया कि बीजेपी ने इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए स्नेह मिलन सम्मेलनों के आयोजन का ख़ाका तैयार किया है. बीजेपी ने सूफ़ी सम्मेलन करने की रूप रेखा तैयार की है, जिसे यूपी की दरगाहो और मज़ारों पर किया जाएगा. इस तरह बरेलवी नज़रिया रखने वाले मुस्लिम वोटबैंक पर भी पार्टी की नज़र है. जिसको लेकर यूपी के बरेली, लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच समेत कई मशहूर दरगाहों पर प्रोग्राम किए जाने की बात सामने आई है.


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