Hyderabad News: गोशामहल के मौजूदा विधायक टी राजा सिंह ने एक बार फिर नफरत भरा भाषण दिया है और आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र में हारने पर 'हिंसक परिणाम' की धमकी दी है. 'Hindutvawatch'के मुताबिक, उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के तहत 13 नवंबर, सोमवार को गोशामहल में आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण दिया. भाषण के वीडियो का एक छोटा क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.


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जिंदगी और मौत का मामला


भाजपा नेता टी राजा को वीडियो में कहते हुए सुना जा सकता है कि "यह चुनाव मेरे लिए जिंदगी और मौत का मामला है और मैं मरने या कत्ल करने से नहीं डरता. इससे पहले कि कोई भाई गद्दारी करे. दो बार सोचो. ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरी दुश्मनी बहुत महंगी पड़ सकती है" इसके अलावा, उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी पर निशाना साधते हुए भीड़ से पूछा, "अगर चुनाव के बाद तेलंगाना में बीजेपी सत्ता में आती है, तो यह ओवेसी किसके पैरों पर गिरेंगे?" इस पर वहां मौजूद लोग चिल्लाते हैं कि “राजा भाई के.”


72 हूरों के पास भेजा जाएगा


इसके बाद राजा सिंह कहते हैं "लेकिन हम इन चूहों को अपने पैर नहीं छूने देंगे. इन गद्दारों को देश से बाहर निकाल दिया जायेगा. लेकिन क्यों?. क्योंकि जो भी इन आतंकियों का समर्थन करेगा उसे दोस्त नहीं बनाया जाएगा. इन आतंकियों को 72 हूर के पास भेज दिया जाएगा." 


विदेशों से मिलता है पैसा


आगे बोलते हुए विधायक ने कहा कि गोशामहल में आगामी विधानसभा चुनाव में हिंदुओं का मतदान बढ़ना चाहिए. राजा सिंह ने आगे कहा कि "अगर आप पिछले चुनावों में मतदान पर ध्यान दें, तो हमारा (हिंदुओं का) मतदान काफी कम था. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे मतदाता मानते हैं कि भाजपा वैसे भी जीतेगी और धूप में में खड़े होने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन आपको (भाजपा कैडर को) इस विचार को बदलना होगा. हमें उन्हें (हिंदू मतदाताओं को) बताना होगा कि, हमारे दुश्मन. जो गाय को मारते हैं और लव जिहाद, धर्म परिवर्तन में शामिल हैं, उनकी संख्या 70000 है और हमारी गिनती 0 से शुरू होती है," राजा सिंह ने दावा किया कि गोशामहल में उन्हें हराने के लिए न केवल देश भर से, बल्कि दुनिया भर से अल्पसंख्यक पैसे भेज रहे हैं. 


दोबारा पार्टी में शामिल


आपको बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के इल्जाम में राजा सिंह को भाजपा ने निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्हें हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. तेलंगाना इलेक्शन से पहले ही भाजपा ने उन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया.