UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य के ज्ञानवापी सर्वे के बयान पर BSP प्रमुख मायावती का पलटवार; कही ये बात
UP Political News: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि सपा नेता ने जो बयान दिया है, उससे वो सिर्फ सियासी फायदा उठाना चाहते हैं.
Mayawati Attacks On Swami Prasad Maurya: लोकसभा इलेक्शन में अब बहुत कम समय बाकी रह गया है. ऐसे में सभी सियासी पार्टियां 2024 के चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. एक तरफ जहां चुनाव को लेकर खाका तैयार किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर भी शुरु हो गया है. इसी कड़ी में यूपी की सियासत में उबाल देखा जा रहा है. बीएसपी चीफ मायावती ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर चुनाव पूर्व लाभ के लिए धार्मिक विवाद को हवा देने का आरोप लगाया है.दरअसल, मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे पर सवाल उठाए थे.
नए विवादों को जन्म देने वाला बयान: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को समाजवादी पार्टी के लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य पर चुनाव पूर्व लाभ के लिए समुदायों के बीच धार्मिक विवाद भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने ज्ञानवापी कैम्पस में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की कवायद को लेकर मौर्य के विवादित बयान पर रद्देअमल देते हुए यह तब्सिरा किया. मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, समाजवादी पार्टी के लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ समेत कई मंदिर, बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं और आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों, बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी होना चाहिए, नये विवाद को जन्म देने वाला विशुद्ध सियासी बयान है". उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि "मौर्य उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय तक वजीर रहे, लेकिन तब उन्होंने इस संबंध में पार्टी और सरकार पर कोई दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब इलेक्शन के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी और समाजवादी पार्टी की घिनौनी राजनीति को दर्शाता है.
मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर उठाए थे सवाल
मायावती ने सपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि बौद्ध और मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव मौर्य ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा था कि, बद्रीनाथ आठवीं शताब्दी तक बौद्ध मठ था, उसके बाद इसे हिंदू तीर्थ स्थल बद्रीनाथ धाम बनाया गया, यही सच है". मौर्य ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की कवायद को लेकर मीडिया में बयान देते हुए कहा था कि, अगर सर्वे हो, तो इस बात का भी पता लगाया जाए कि मस्जिद के पहले ही नहीं, बल्कि मंदिर के पहले भी क्या था. हम तो यह कहते हैं कि हिंदू धर्म के जितने भी स्थल हैं, पहले सब बौद्ध मठ थे. बौद्ध मठों को तोड़कर मंदिर बनाए गए थे.
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