पीएम-श्री स्कूल योजना को मंजूरी; देशभर में 14,597 स्कूलों को लेकर केंद्र ने बनाया ये प्लान
PM SHRI schools Scheme: इस योजना के तहत देशभर में 14,597 स्कूलों को आर्दश विद्यालय के तौर पर उन्नत किया जाएगा. प्रत्येक प्रखंड में इस योजना के तहत एक स्कूल का चयन कर उसे एक मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित किया जाएगा.
PM SHRI schools Scheme: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ (PM SHRI schools Scheme) स्कीम को मंजूरी दे दी है. इसके तहत देशभर में 14,597 स्कूलों को आर्दश विद्यालय (Model Schools) के तौर पर प्रोमोट किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदारत में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम-श्री स्कूल स्कीम को 2022-2027 तक पांच वर्षों के दरमियान लागू किया जाएगा. इस पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च आने की संभावना है, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रूपउ होगी. इस योजना से देशभर के लगभग 18 लाख छात्रों को फायदा होगा.
शिक्षक दिवस पर मोदी ने की थी घोषणा
ठाकुर ने बताया कि इस स्कीम में खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा. इस स्कीम के तहत सरकार प्रत्येक प्रखंड स्तर पर कम से कम एक आदर्श विद्यालय विकसित करना चाहती है. इसकी निगरानी के लिए पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर ‘पीएम-श्री’ स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के मौके पर पांच सितंबर को इसकी जानकारी देते हुए कहा था, ‘‘शिक्षक दिवस पर मैं एक नई पहल की घोषणा कर रहा हूं. प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) के तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित और उन्नत किया जाएगा. ये सभी मॉडल स्कूल बनेंगे.’’
छात्र और स्कूल दोनों बनेंगे स्मार्ट
प्रधानमंत्री ने कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा देने में एक आधुनिक, परिवर्तन लाने वाला और समग्र तरीका होगा. इनमें खोज उन्मुख और सीखने को केंद्र में रखकर शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा था, ‘‘इसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्टक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.’’ ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के मिसाल के तौर पर उभरेंगे. इन स्कूलों में अपनाई जाने वाली शिक्षा व्यवस्था प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की पस्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा और शिक्षार्थी केंद्रित होगी. इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि की भी सभी सुविधाएं होंगी.
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