पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को BJP पर इल्जाम लगाया है कि वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है और सेंट्रल एजेंसियों पर आरोप पत्र तैयार करने का दबाव बना रही है, जिसका इस्तेमाल बाद में पार्टी नेताओं के खिलाफ 'झूठे' कैपेन चलाने के लिए किया जा सकता है.


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यह बयान केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से दीगर घोटालों में रूलिंग पार्टी के नेताओं के नाम तेजी से आने के मद्देनजर सामने आया है. पार्टी के प्रदेश जेनेरल सेक्रेटरी और पश्चिम बंगाल में पार्टी के स्पीकर कुणाल घोष के मुताबिक, BJP केंद्रीय एजेंसियों पर चार्जशीट में कुछ लिखने का दबाव बना रही है, जिसका इस्तेमाल पार्टी झूठे प्रचार और घटिया सियासत के लिए कर सकती है.


हालांकि, उन्होंने दावा किया कि ट्रायल खत्म होने के बाद ये सभी फर्जी दावे बेबुनियाद साबित होंगे. घोष ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से चार्जशीट दिखावे के लिए हैं और जरूरी नहीं कि उनमें दर्ज इल्जामों का सबूत हो. BJP इसका गलत इल्तेमाल करने की कोशिश कर रही है.


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काफी वक्त से तृणमूल कांग्रेस कयादत यह दलील दे रहा है कि सेंट्रल इंवेस्टीगेशन (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी सेंट्रल एजेंसियां भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं. लेकिन यह पहली बार है कि राज्य की रूलिंग पार्टी के किसी नेता ने संगीन इल्जाम लगाया है कि चार्जशीट बीजेपी के दबाव में तैयार की जा रही है.


इस तरह के इल्जामों पर रिएक्शन देते हुए BJP के सीनियर नेता और पार्टी के पूर्व नेशनल सेक्रेटरी राहुल सिन्हा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के ट्रैक रिकॉर्ड उनके खिलाफ लगाए गए इल्जामों की तसदीक करते हैं.


उन्होंने कहा, CBI जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के आर्डर के बाद की जा रही है और कुछ मामलों में जांच अदालत की निगरानी में होती है. अदालतों में रोजाना की बुनियाद पर जो कुछ भी सामने आता है, वह करपशन की संगीनता को साबित करता है.


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