नई दिल्ली : सेंट्रल गवर्नमेंट की सभी ख़ातून मुलाज़मीन को डिलीवरी के फौरन बाद नवजात शिशु की मौत होने की हालत में 60 दिनों की स्पेशल मैटरनिटी लीव दी जाएगी. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने इस सिलसिले में आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या डिलीवरी के फौरन बाद न्यू बार्न बॉबी की मौत होने से मां को पहुंचने वाली इमोशनल चोट को नज़र में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. क्योंकि ऐसे वाक़्यात का मां की ज़िंदगी पर बहुत गहरा असर पड़ता है. मां को इस सदमे से उभरने के लिए कुछ समय चाहिए.


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60 दिनों की स्पेशल मैटरनिटी लीव


डीओपीटी के मुताबिक़ मृत बच्चा पैदा होने या जन्म के फौरन बाद उसकी मौत होने पर लीव/मैटरनिटी लीव के सिलसिले में अपील करने वाली कई एप्लिकेशन डिपार्टमेंट को मिली हैं. डिपार्टमेंट ने अपने आदेश में कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के साथ इस मुद्दे पर ग़ौर किया गया है. मृत नवजात बच्चे की डिलावरी के फौरन बाद उसकी मौत से पहुंचने वाले सदमे को ध्यान में रखते हुए मरकज़ी हुकूमत की फीमेल वर्कर्स को ऐसी हालत में 60 दिनों की स्पेशल मैटरनिटी लीव देने का फैसला लिया गया है.


किसी तरह के मेडिकल सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं


डीओपीटी ने अपने अहकामात में कहा है, अगर मरकज़ी हुकूमत की ख़ातून मुलाज़मीन पहले ही मैटरनिटी लीव ले चुकी है और मृत बच्चा पैदा होने या बच्चे की मृत्यु होने तक उसकी छुट्टियां जारी हैं तो, ऐसा होने की डेट तक कर्मचारी के ज़रिए ली गई लीव को उसके पास मौजूद अन्य किसी लीव में बदला जा सकता है, जिसमें किसी तरह के मेडिकल सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होगी. आदेश के मुताबिक़, कर्मचारी को मृत बच्चे की पैदाइश या बच्चे की मौत होने पर उस दिन से  60 दिनों की स्पेशल मैटरनिटी लीव दी जाएगी.