नई दिल्लीः सरकार ने देश के राष्ट्रध्वज को लेकर उसके कानून में बदलवा कर दिया है. बदले हुए कानून के तहत अब तिरंगा दिन और रात दोनों वक्त फहराए जाने की इजाजत होगी. साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. 
गौरतलब है कि ‘आजादी का अमृत महोत्वस’ के तहत सरकार 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है, जिसके तहत यह कदम उठाया गया है. सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखी चिट्ठी में में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और इस्तेमाल भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है. 

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अब दिन-रात फहराया जा सकता है
चिट्ठी के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिये संशोधन किया गया है. अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा- ‘‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है.’’ गृह सचिव ने अपने पत्र में कहा, “आपसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इसका आपके प्रशासनिक नियंत्रण के तहत विभिन्न संगठनों, सार्वजनिक उपक्रमों के बीच व्यापक रूप से प्रसारित किया जाए. 

पहले रात में नहीं फहरा सकते थे तिरंगा 
इससे पहले, तिरंगे को सिर्फ सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की इजाजत होती थी. इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में तब्दीली करते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा. यह कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना होगा. इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होती थी.
गौरतलब है कि ’तिरंगा अभियान’ का मकसद पूरे भारत में लगभग 20 करोड़ घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना है. पीएम मोदी ने कहा कि यह आंदोलन तिरंगे के साथ हमारे संबंध को गहरा करेगा. इसे  22 जुलाई 1947 को तिरंगा अपनाया गया था.


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