Center on Rahul Gandhi: सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने अपने भाषण में सत्तापक्ष पर कई हमले किए. उनके भाषण पर सत्तारूढ़ सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. जिसने कांग्रेस सांसद पर "गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी" करने का आरोप लगाया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "विपक्ष का नेता एक बहुत ही जिम्मेदाराना पद होता है. राहुल जी ने पहली बार जिम्मेदारी ली है, लेकिन आज उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया."


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अग्नीवीर पर टिप्पणी
राहुल गांधी ने सशस्त्र बलों में प्रवेश के लिए अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने कहा, "अग्निवीर एक इस्तेमाल और फेंक देने वाली मेहनत है. एक जवान को पेंशन मिल रही है, जबकि दूसरे को नहीं. आप जवानों के बीच विभाजन पैदा कर रहे हैं." अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी की टिप्पणी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "उन्होंने (राहुल गांधी) आज संसद में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना के तहत शहीदों को मुआवजा नहीं मिलेगा. रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अग्निवीर योजना में 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाता है. कांग्रेस ने इस मुद्दे को कई बार उठाया है और झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश की है." 


हिंदुओं को कहा हिंसक
लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी के पहले भाषण से लोकसभा में तीखी बहस छिड़ गई. 'हिंसक हिंदुओं' पर राहुल गांधी का हमला भाजपा को रास नहीं आया. अश्विनी वैष्णव ने कहा, "आज राहुल गांधी ने पूरे हिंदू समाज को हिंसक और असत्यवादी कहा है. उन्होंने हिंदू समाज का अपमान किया है. राहुल गांधी ने आज विपक्ष के नेता के पद की गरिमा को गिराया है. राहुल गांधी के इस बयान से पूरा देश दुखी है और इस बयान की जितनी भी निंदा की जाए, कम है." उन्होंने कहा, "हिंदुओं को हिंसक कहना, हिंदुओं को झूठा कहना, संसदीय बहस के दौरान भगवान की तस्वीरें लगाना, उसमें राजनीति जोड़ना, इस स्तर की बहस विपक्ष के नेता को किसी भी तरह से शोभा नहीं देती." 


किरेन रिजजू ने किया हमला
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सांसदों द्वारा दिए गए असत्यापित बयानों को संबोधित करने के लिए एक निर्देश स्थापित करने के लिए अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है. रिजिजू ने कहा, "हमने स्पीकर से अनुरोध किया है कि वे निर्देश दें कि अगर हमने कोई असत्यापित बयान दिया है, तो हम सुधारात्मक कदम उठाने के लिए तैयार हैं." हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर विपक्ष के नेता सदन में झूठ बोलते पाए जाते हैं तो उन्हें संबंधित नियमों और विनियमों का सामना करना होगा.