Champai Soren Oath Ceremony: झारखंड में सियासी घमासान के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के चंपई सोरेन शुक्रवार, 2 फरवरी को राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के लिए तैयार हैं, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को देर रात के डेवलपमेंट में झामुमो नेता हेमंत सोरेन के वफादार को सरकार बनाने के लिए राज भवन में आमंत्रित किया. चंपई सोरेन को अगले 10 दिनों के भीतर होने वाले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने का आदेश दिया गया है.


बुधवार को राज्यपाल से की थी गुजारिश


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बुधवार को हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद से राज्य में राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच चंपई सोरेन ने राज्यपाल से जल्द से जल्द सरकार बनाने के उनके दावे को स्वीकार करने की गुजारिश की थी. इसके कुछ घंटे बाद यह निमंत्रण आया है. ''हमने उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया है. अब वे तय करेंगे कि शपथ कब लेनी है. राज्यपाल के प्रमुख सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इस बात की जानकारी दी है.


राज्यपाल ने चंपई को बुलाया और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को झारखंड में अगली सरकार बनाने का पत्र सौंपा था. इससे एक दिन पहले झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे चंपई सोरेन ने सरकार गठन पर राज्यपाल से मुलाकात की थी. राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में कहा गया, "18 घंटे से कोई सरकार नहीं है. असमंजस की स्थिति है. संवैधानिक प्रमुख होने के नाते हम उम्मीद करते हैं कि आप लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए जल्द ही कदम उठाएंगे."


चंपई सोरेन, जो गठबंधन के चार अन्य विधायकों के साथ राधाकृष्णन से मिलने गए थे, उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह सरकार गठन के उनके अनुरोध पर जल्द ही फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, "हम एकजुट हैं. हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है. इसे कोई नहीं तोड़ सकता." इस बीच, झामुमो ने एक वीडियो भी जारी किया जिसमें 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में गठबंधन की ताकत दिखाने के लिए 43 विधायक मौजूद थे.


बता दें, कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया था. उन्हें 2 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हेमंत सोरेन के खिलाफ मामला झारखंड में "माफिया के जरिए भूमि के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट" से जुड़ा है. 48 वर्षीय नेता ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया है और मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है.