The Zoram People's Movement: मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) मिजोरम ने बड़ा उलटफेर करते हुए पार्टी ने मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) को करारी शिक्सत दी है. अब ये साफ हो होता दिख रहा है कि जोरम पीपुल्स मूवमेंट की सरकार बनने के बाद के मिजोरम के CM ZPM के चीफ लालदुहोमा होंगे. 1987 में मिजोरम की स्थापना होने के बाद ये पहली बार है जब कांग्रेस या MNF के अलावा कोई तीसरी पार्टी सरकार बना रही है. आइए जानते है मिजोरम की राजनीति में इतना बड़ा बदलाव करने वाले लालदुहोमा है कौन?


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IPS अधिकारी रह चुके हैं लालदुहोमा 
लालदुहमा ने अपनी बीए की डिग्री नॉर्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी से हासिल की है. जिसके बाद वह IPS बन गए थे, IPS रहते हुए उन्होंने उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा की कमान संभाली. लालदुहमा ने 1984 में भारतीय पुलिस सर्विस से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली. काग्रेस पार्टी में आने के बाद उसी साल उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद चुने गए. 1988 में लालदुहमा ने कांग्रेस से इस्तेफा दे दिया था और वह दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने थे. 


ZPM से पहले बनाई थी जोरम नेशनलिस्ट पार्टी 
ऐसा नहीं है कि लालदुहमा की ZPM पहली पार्टी है. इससे पहले उन्होंने साल 2003 में अपनी पार्टी जोरम नेशनलिस्ट पार्टी बनाई और इसके विधायक बने. ZPM पार्टी का गठन 2017 में छह छोटे क्षेत्रीय दलों और सिविल सोसायटी को मिलाकर एक जॉइंट स्टेज देने के रूप में किया गया था. 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में MZM मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं थी, लेकिन MZM ने प्रदेश की 38 विधानसभाओं में अपने आजाद उम्मीदवार उतारे थे. इन उम्मीदवारों में से 8 उम्मीदवार विधायक चुने गए थे, जिसके बाद MZM प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. 2019 में चुनाव आयोग ने ZPM को पार्टी की मान्यता दे दी थी.