China Rename Places: चीन के जरिए 30 जगहों के नाम बदलने पर भारत के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
China Rename Places: चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 30 जगहों के नाम बदले हैं. इस पर अब विदेश मंत्रालय का बयान आया है. सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा.
China Rename Places: विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों का नाम बदलने के लिए चीन की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में मनगढ़ंत नाम रखने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि यह भारत का अभिन्न अंग है. मिनिस्ट्री ने अपने बयान में कहा,"चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में जगहों का नाम बदलने के अपने मूर्खतापूर्ण कोशिशों पर कायम है." नई दिल्ल का कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न अंग रहेगा.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
जारी किए गए बयान में कहा गया है,"हम इस तरह की कोशिशों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं. मनगढ़ंत नाम बताने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, था, और हमेशा रहेगा."
चीन ने जारी की लिस्ट
चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ज़ंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की, जो अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम है, जिसे बीजिंग दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में दावा करता है. मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ने क्षेत्र के लिए 30 अतिरिक्त नाम पोस्ट किए हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के जरिए जाकी की गई रिपोर्ट के मुताबिक,"अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश एक भारतीय राज्य था, एक भारतीय राज्य है और भविष्य में भी रहेगा. नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा." केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी चीन के नाम बदलने की कोशिश की निंदा की है.
किरण रिजिजू ने क्या कहा?
उन्होंने कहा,"मैं अरुणाचल प्रदेश के अंदर 30 स्थानों को चीन द्वारा अवैध रूप से दिए गए 'मानकीकृत' भौगोलिक नामों की कड़ी निंदा करता हूं. चीन सभी निराधार दावे करता रहा है लेकिन इससे जमीनी हकीकत और 'ऐतिहासिक तथ्य' नहीं बदलेंगे." उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग देशभक्त हैं.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र का नाम बदलने की निंदा की और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से देश को फटकार लगाने की गुजारिश की है. उन्होंने ट्वीट किया,"जब चीन उकसावे का सहारा लेता है, तो पीएम मोदी कच्चाथीवु पर झूठी कहानी के जरिए शरण लेने की कोशिश करते हैं! अपने चीनी समकक्ष के साथ कम से कम 19 दौर की द्विपक्षीय वार्ता के बाद भी, पीएम मोदी इस बेतुकेपन को रोकने के लिए चीन पर किसी भी राजनयिक प्रभाव का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं. भारतीय क्षेत्रों का 'नाम बदलने' के बारे में...मोदी सरकार कम से कम इतना तो कर ही सकती है कि इन दैनिक हास्यास्पद कार्यों और बयानों पर चीन की कड़ी निंदा करे और फटकार लगाए,''