West Bengal News: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को बीजेपी नेता सुवेन्दु अधिकारी की जमकर तारीफ की. टीएमसी नेता ने राज्य के विभाजन के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता (LOP) की सराहना की.


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दरअसल, मानसून सेशन के 11वें दिन सोमवार को विधानसभा में राज्य के विभाजन के मुद्दे के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें सीएम ममता बनर्जी और विधानभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बहस में हिस्सा लिया. इस दौरान सीएम ने विपक्षी भाजपा से पश्चिम बंगाल को बांटने की कोशिशों के मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की. उन्होंने इसको लेकर पेश प्रस्ताव का सपोर्ट करने के लिए सदन में सुवेंदु अधिकारी की सराहना की.


विधानसभी में सुवेंदु ने क्या कहा?
विधानसभा में स्टेट पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर सोवनदेब चट्टोपाध्याय (Sovandeb Chattopadhyay) द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद इस विषय पर बहस शुरू हुई. LOP सुवेंदु (Suvendu Adhikari) ने कहा कि बीजेपी में किसी ने कभी पश्चिम बंगाल के बंटवारे की बात नहीं की है. अधिकारी ने कहा, "प्रस्ताव में कुछ लोगों के बयानों की गलत व्याख्या की गई है."


इसके आगे बीजेपी नेता ने कहा,"अविभाजित पश्चिम बंगाल के विकास के लिए एकजुट दृष्टिकोण" का एक खंड शामिल करने का प्रस्ताव पेश किया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने अपोजिशन के लीडर से कहा कि वह अपना प्रस्ताव अमेडमेंट के रूप में पेश कर सकते थे.


सीएम ममता ने जताई सहमति
वहीं,  सीएम ने बहस में ममता बनर्जी ( Mamta Banerjee ) ने विपक्ष के नेता के प्रस्ताव को मूल प्रस्ताव में शामिल करने पर सहमति जताई. सीएम ने कहा, "पश्चिम बंगाल एकजुट रहेगा. मैं राज्य के संसदीय कार्य मंत्री से दरख्वास्त करूंगी कि वह LOP के प्रस्ताव को मूल प्रस्ताव में शामिल करें. मैं फेडेरल डेमोक्रेसी में यकीन करती हूं. जिस तरह केंद्र सरकार स्टेट गवर्नमेंट के साथ सहयोग करेगी, उसी तरह राज्य सरकार भी सहयोग करेगी." बहस के आखिर में सदन में मौजूद सत्तारूढ़ और अपोजिशन पार्टी के विधायकों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया.


क्या है बंगाल को विभाजित करने का पूरा मामला?
वहीं, पॉलिटिकल ऑब्जर्वर  का मानना ​​है कि स्टेट असेंबली में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस तरह का आपसी शिष्टाचार हाल के दिनों में दुर्लभ रहा है. गौरतलब है कि झारखंड से भाजपा के गोड्डा लोकसभा से मौजूदा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने हाल ही में संसद में दिए बयान में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के दो जिलों मालदा और मुर्शिदाबाद को मिलाकर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव रखा था. दुबे के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने तीखी आलोचना की थी.  इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की कोशिशों के खिलाफ स्टेट असेंबली में प्रस्ताव लाने का फैसला किया.