Commissionerate System: उत्तर प्रदेश के आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज जिलों में भी पुलिस आयुक्तालय (कमिश्‍नरेट) सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को योगी कैबिनिट से मंजूरी मिल गई है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को मीटिंग इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली. उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री एके. शर्मा ने लोकभवन में कैबिनेट के इस फैसले के बारे में बताया.


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उन्होंने बताया कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद जरूरी काम पूरा करके आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज के संपूर्ण जिला क्षेत्र में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि तीनों जिलों को पहले ‘मेट्रोपोलिटन एरिया’ ऐलान किया जाएगा और उसके बाद इन इलाके में यह सिस्टम लागू की जाएगी.


बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में पहले से लखनऊ, गौतमबुद्धनगर (नोएडा), कानपुर नगर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू है राज्य के 75 जिलों में अब सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हो जाएगा. 


जनवरी 2020 मे प्रदेश में सबसे पहले लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में यह व्‍यवस्‍था लागू हुई थी और इसके बाद मार्च 2021 में कानपुर नगर और वाराणसी में भी पुलिस आयुक्तालय प्रणाली की शुरुआत हुई.


क्या होता है पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम
कमिश्नरेट सिस्टम लागू की बात करें तो इसमें में सीआरपीसी के सारे हक पुलिस कमिश्नर के पास होते हैं. सामान्य पुलिस व्यवस्था में डीएम को सीआरपीसी कानून-व्यवस्था संबंधी कई अधिकार देती है. उन्हें किसी भी मामले में जिले के डीएम से आदेश लेने की ज़रूरत नहीं होती है. पुलिस कमिश्नर के पास हथियारों के लाइसेंस, होटल के लाइसेंस, लाठी चार्ज करना वगैरह पुलिम कमिश्नर के हाथ में होता है. पुलिस कमिश्नर किसी ADG रैंक के अफसर को बनाया जाता है. साथ ही उस जिले को अलग-अलग जोन में बांटा जाता है. आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था.


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