कांग्रेस ने पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी पर लगाया है बड़ा दाव; BJP, BSP और AAP को दिया झटका
अट्ठावन वर्षीय चन्नी राज्यपाल से मिलने के संवाददाताओं को बताया कि राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा से दलित और आदिवासी समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता देते रहे हैं. यहां भी उन्होंने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई और एक बड़ा संदेश दिया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी दलित समुदाय के लोगों को बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी देना चाहते हैं.
नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री बनने जा रहे दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस के साबिक सदर राहुल गांधी की पसंद हैं, जिन्होंने पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के ऊपर उन्हें तरजीह दी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के भीतर आमतौर पर यह सहमति बन गई थी कि अब तक की परिपाटी के तहत किसी जट सिख नेता को ही राज्य के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी जाए, लेकिन राहुल गांधी ने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई. अट्ठावन वर्षीय चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल से मिलने के बाद चन्नी ने संवाददाताओं को बताया कि राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के लिए सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया है.
चन्नी को विधायक दल का नेता चुने जाने की पूरी कवायद से अवगत कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राहुल गांधी हमेशा से दलित और आदिवासी समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता देते रहे हैं. यहां भी उन्होंने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई और एक बड़ा संदेश दिया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी दलित समुदाय के लोगों को बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी देना चाहते हैं.
कांग्रेस का ओबीसी और दलितों को संदेश
जराया के मुताबिक, राहुल गांधी ने शनिवार को ही चन्नी के नाम पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी, हालांकि इस बारे में विधायकों की राय ली गई. राहुल गांधी और कांग्रेस के इस कदम के पीछे उत्तर भारत के राज्यों खासकर उत्तर प्रदेश में एक राजनीतिक संदेश देने की भी कोशिश है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘‘आज तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकारें हैं. इनमें से दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओबीसी मुख्यमंत्री हैं, जबकि पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनने जा रहा है. हम इससे इनकार नहीं करते कि इस कदम के जरिये एक राजनीतिक संदेश भी दिया गया है.’’
कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की. वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे. विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश में है.
पंजाब में 30 प्रतिशत से ज्यादा दलित आबादी
पंजाब में 30 प्रतिशत से ज्यादा दलित आबादी है. कांग्रेस का यह कदम इस मायने में अहम है कि भाजपा ने पहले कहा था कि पंजाब में उसकी सरकार बनने पर दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. बसपा के साथ गठबंधन करने वाली शिरोमणि अकाली दल ने दलित उप मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है. आम आदमी पार्टी भी दलित समुदाय को लुभाने के लिए लगातार प्रयासरत है. अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया.
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