Congress लीडर नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा दावा, उनके डिप्टी बनना चाहते थे मान; पूरी बातचीत
Congress: कांग्रेस लीडर नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़ा दावा किया है, उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू उनके पास आए थे और वह उनके डिप्टी बनना चाहते थे. यहां तक कि वह कांग्रेस ज्वाइन करने के भी इच्छुक थे.
Congress: कांग्रेस लीडर नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़ा दावा किया है, और उन्होंने बताया है कि एक बार पंजाब के सीएम और आम आदमी पार्टी लीडर भगवंत मान उनके पास आए थे और वह उनके डिप्टी बनना चाहते थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भगवंत मान चाहते थे कि वह कांग्रेस ज्वाइन करें. सिद्धू का यह दावा उनके राजनीतिक मुस्तकबिल और बीजेपी के कथित दृष्टिकोण के बारे में चल रही अटकलों के बीच आया है.
सिद्धू ने क्या कहा?
एक मीडिया आउटलेट के साथ इंटरव्यू में, सिद्धू से उन अफवाहों के बारे में पूछा गया कि वह भाजपा में लौट सकते हैं और क्या पार्टी ने उनसे संपर्क किया है. जिसके जवाब में उन्होंने कहा,"मैं आपको एक बात बता सकता हूं कि किसने (मुझसे) संपर्क किया था. भगवंत मान साहब मेरे पास आए थे. अगर वह बताएंगे तो मैं उन्हें वह जगह भी बताऊंगा (जहां वे मिले थे)."
भगवंत मान ने क्या कहा?
कांग्रेस लीडर ने कहा,"उन्होंने मुझसे कहा कि पाजी, अगर मैं उन्हें कांग्रेस में शामिल करा दूं तो मैं आपका डिप्टी बनने के लिए तैयार हूं, और उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि अगर आप आम आदमी पार्टी में आ जाएं, तब भी वह मेरा डिप्टी बनने के लिए तैयार थे."
सिद्धू ने कांग्रेस में शामिल होने की कही बात
सिद्धू ने कांग्रेस नेतृत्व, विशेषकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के प्रति अपनी वफादारी पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने उनकी कथित बातचीत के दौरान मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी. सिद्धू ने कहा कि उन्होंने मान से कहा कि अगर वह चाहें तो कांग्रेस में शामिल होने के लिए उनका स्वागत है और उन्हें दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से बात करनी चाहिए.
हालांकि, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने स्पष्ट किया कि बातचीत इस बिंदु से आगे नहीं बढ़ी, यह दर्शाता है कि उनके और मान के बीच आगे कोई नेगोसिएशन नहीं हुआ. मान ने इस दावे पर अभी कोई रेसपॉन्स नहीं दिया है. सिद्धू ने कहा कि उनका मकसद पंजाब के लोगों को सर्व करना है. उन्होंने पंजाब पर बढ़ते कर्ज को लेकर मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''वे विमान और लक्जरी वाहनों में चलते हैं लेकिन कर्ज पंजाबियों को चुकाना पड़ता है.''