Mohan Bhagwat on Dussehra: दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरफ से नागपुर में 'विजयादशमी उत्सव' आयोजित की गई थी. इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत शस्त्र पूजा किया. इसके बाद उन्होंने अपने खिताब में विज्ञान, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों, सनातन मूल्यों और हमास-इसराइल तनाव समेत कई मुद्दों पर राय रखी. मोहन भागवत के इस बयान पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस ने भागवत के बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए अत्याचार वाले बयान पर पलटवार किया है.


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दरअसल, मोहन भागवत ने अपने खिताब में कहा था कि बांग्लादेश में अत्याचार खिलाफ हिन्दू एकजुट हुए और पहली बार सड़कों पर उतरे. उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद दानिश अली ने ऐतराज जताते हुए कहा, "एक तरफ वो कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों को मिलकर रहना चाहिए. दूसरी तरफ वो कह रहे हैं कि वहां बांग्लादेश में हिन्दू सुरक्षित इसलिए रहे क्योंकि, हिन्दू सड़कों पर उतरे और एकजुट हो गए."


RSS कई तरह की भाषा बोलती है; दानिश अली
उन्होंने कहा, "RSS कई तरह की भाषा बोलती है. मोहन भागवत को अपने ऑर्गेनाइजेशन के लोगों को समझाना चाहिए. मुल्क में एकता, अखंडता बनाने का काम किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि सभी का है. मोहन भागवत के बयानों में कई तरह के विरोधाभास हैं. उन्हें तय कर लेना चाहिए कि वह कहना क्या चाहते हैं."


राशिद अल्वी ने किए ये सवाल
वहीं, कांग्रेस के सीनियर नेता राशिद अल्वी ने आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयानों पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा कि मुझे अफसोस और ताज्जुब भी होता है. कांग्रेस नेता ने मोहन भागवत  पर निशाना साधते हुए कहा, "वह सिर्फ हिंदुओं की बात ही क्यों करते हैं. अत्याचार दुनिया के किसी भी कोने में हो रहा हो उसके खिलाफ बोलना चाहिए."


कांग्रेस प्रवक्ता अल्वी ने कहा, "मोहन भागवत कहते थे, हिन्दुस्तान में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं. आज वह हिंदू मजहब के रहने वाले लोगों को कह रहे हैं कि इकट्ठा हो जाओ. यह सुबह-शाम विचारधारा कैसे बदली जाती है, मुझे ताज्जुब होता है."


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उन्होंने सावल करते हुए कहा, "मोहन भागवत को यह भी बताना चाहिए कि दुनिया में वो कौन लोग हैं जो भारत के खिलाफ हैं और भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं." लेकिन, मैं कहना चाहता हूं कि भारत को आगे बढ़ने से वो विचारधारा भी रोक रही है जो हिन्दू और मुसलमान करती है. जब आप यह कहते हैं हिंदू इकट्ठा हो जाओ, आप यह भी कह सकते हैं कि मुसलमान, सिख, पारसी इकट्ठा हो जाओ. मोहन भागवत के बयान से भारत मजबूत होगा या फिर कमजोर होगा?"