नीतीश कुमार की बैठक में हिस्सा लेगी कांग्रेस; 12 तारीख को पटना में इकट्ठा हो रहे हैं विपक्षी नेता
Opposition Leaders Meeting: बिहार की राजधानी पटना में होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में कांग्रेस ने अपने शामिल होने पर स्थिति साफ कर दी है. कांग्रेस जनरल सेकरेटरी ने कहा है कि उनकी पार्टी 12 जून को होने वाली इस मीटिंग में हिस्सा लेगी.
Opposition Parties Meeting in Patna: इसी महीने 12 जून को बिहार की राजधानी में होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में कांग्रेस भी हिस्सा लेगी. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर हो रही इस बैठक में कांग्रेस की शिरकत पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. लेकिन अब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो इस मीटिंग में हिस्सा लेगी. हालांकि इस मीटिंग में कांग्रेस की तरफ से कौन हिस्सा लेगा अभी तय नहीं हुआ है.
कांग्रेस जनल सेकरेटरी जयराम रमेश (Jai Ram Ramesh) ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि हम मीटिंग में हिस्सा लेंगे, लेकिन पार्टी की तरफ से कौन शामिल होगा? ये तय किया जाना अभी बाकी है. उन्होंने कहा कि पार्टी में शामिल होने वाले नेता का फैसला पार्टी अध्यक्ष और कुछ अन्य नेता करेंगे.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले काफी दिनों से विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश में लगे हुए हैं. उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी.
इन सभी नेताओं ने माना था कि विपक्षी पार्टियों का एक साथ आना वक्त की जरूरत है और इस संबंध में जल्द एक मीटिंग होनी चाहिए. जिसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि बिहार की राजधानी पटना में इन नेताओं का जमावड़ा होगा.
केसी राव ने किया विरोध:
ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने इस मीटिंग में हिस्सा लेने की बात कही है लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस के सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव ने भाजपा के खिलाफ बनाए सजाए जा रहे मंच पर बैठने से इनकार कर दिया है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री के टी रामाराव ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख किया और कहा कि देश को एक पार्टी या एक व्यक्ति के खिलाफ अंध घृणा के आधार पर विपक्षी एकता की आवश्यकता नहीं है, बल्कि शासन के सकारात्मक मॉडल पर आधारित है.
"भाजपा-कांग्रेस नाकाम"
उन्होंने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह सब कुछ करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि एक नई राष्ट्रीय पार्टी (राष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा), क्योंकि इस देश में एक बहुत बड़ा शून्य है. केसीआर ने पहले गैर-भाजपा गैर-कांग्रेसी पार्टियों को इकट्ठा करने की कोशिश में एम के स्टालिन (तमिलनाडु), नीतीश कुमार (बिहार) और अरविंद केजरीवाल (दिल्ली) जैसे अन्य राज्यों के कुछ मुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी. उनका कहना है कि दोनों राष्ट्रीय दल (भाजपा/कांग्रेस) देश का विकास करने में नाकाम रहे.
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