देश में हिंदी नामों पर विवाद हो जाना कोई नई बात नहीं है. दक्षिण भारत के लोग अक्सर हिंदी वाले नाम की मुखालफत करते रहे हैं. ताजा विवाद 'इंडिया' को 'भारत' के नाम से बुलाए जाने पर है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जी-20 रात के खाने के इंविटेशन में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम से बुलाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए मंगलवार को कहा कि देश के लिए हिंदी नाम का इस्तेमाल उसकी ‘तहजीब के सफर’ को बताता है. 


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धर्मेंद्र प्रधान ने शेयर की फोटो


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दुनियाभर के नेताओं के जी20 शिखर सम्मेलन के पंडाल ‘भारत मंडपम’ में शनिवार के लिए राष्ट्रपति की ओर से आयोजित जी20 डिनर का इंविटेशन लेटर शेयर किया. प्रधान ने खुद को मिले इंविटेशन की एक तस्वीर शेयर करते हुए ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ हैशटैग का इस्तेमाल किया और कहा, "जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता. जय हो.’’


डर गई भाजपा


भाजपा के नेताओं ने इस बारे में आपोजिशन के ऐतराज को भी खारिज कर दिया. कांग्रेस ने जी-20 डिनर के इंविटेशन में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ कहकर बुलाए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमले का इल्जाम लगाया और दावा किया कि अपोजिशन अलायंस ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) से डर और नफरत के चलते सरकार देश का नाम बदलने में जुट गई है. 


संविधान पर बयानबाजी


इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह खबर सच में सच है. राष्ट्रपति भवन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नौ सितंबर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर इंविटेशन भेजा है.’’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अब, संविधान के अनुच्छेद 1 में पढ़ा जा सकता है: ‘भारत जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा’. लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं.’’ 


देश का नाम बदलने की जरूरत क्यों


इंडिया को भारत बुलाए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि "मैंने सुना है कि भारत का नाम बदला जा रहा है. मिस्टर राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए जी20 के इंविटेशन लेटर पर भारत लिखा हुआ है. हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं. कुछ भी नया नहीं है. दुनिया हमें इंडिया के नाम से जानती है. अचानक क्या हो गया कि देश के नाम को बदलने की जरूरत पड़ गयी?"


क्या बदले देंगे भारत का नाम?


आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि "इसके बारे में कोई अफिशियल जानकारी नहीं है, लेकिन मैंने अफवाहें सुनी हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? कुछ पार्टियां ‘इंडिया’ अलायंस बनाने के लिए एक साथ आई हैं. अगर 'इंडिया’ गठबंधन अपना नाम बदलकर ‘भारत’ कर लेता है तो क्या वे भारत का नाम बदल देंगे?"


भाजपा इतनी बेचैन क्यों?


नीतीश कुमार ने कहा है कि "हमें नहीं पता था कि भाजपा इतनी बेचैन हो जाएगी. अभी तो 'इंडिया' गठबंधन बने कुछ ही हफ्ते हुए हैं और आप 'रिपब्लिक ऑफ इं‍डिया' को 'रिपब्लिक ऑफ भारत' में बदलने के लिए प्रस्ताव ला रहे हैं."


घटाई गई इंडिया की अहमियत


महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि "भारत की डायवर्सिटी में एकता के बुनियादी बातों के लिए भाजपा की नापसंदगी एक नये निचले स्तर पर पहुंच गई है. हिंदुस्तान और इंडिया से लेकर भारत के कई नामों की अहमियत घटाकर अब केवल भारत करना उसकी छोटी और इंटोलेरेंट को दखाती है."