हैदराबाद: तेलंगाना में सचिवालय भवन के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने के ज़रिए लगाए गए आरोप के बाद उपजे विवाद के बीच राज्य सरकार ने कहा है कि तेलंगाना राज्य के नए सचिवालय भवन के गुंबद गुजरात के सारंगपुर में हनुमान मंदिर समेत अलग-अलग मंदिरों की तर्ज पर बनाए गए हैं. इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री केसीआर ने AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को खुश करने के लिए सचिवालय को ताजमहल जैसा मकबरा बना दिया.


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विवाद के बाद अधिकारियों ने कहा, गुंबदों को निजामाबाद, गोपुरम में काकतीय काल के नीलकंटेश्वर स्वामी मंदिर मंदिर की शैली और वानापार्थी संस्थानम (रियासत राज्य) के राजाप्रसादों के डिजाइन और सारंगपुर, गुजरात में हनुमान मंदिर के पैटर्न पर बनाया गया है. विपक्षी भाजपा के इस आरोप के मद्देनजर यह स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण है कि नया राज्य सचिवालय भवन निजामों की संस्कृति को दर्शाता है.


राज्य भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने आगामी चुनावों में भाजपा के सत्ता में आने पर गुंबदों को गिराने की धमकी दे दी है. विवादित बयान देने के लिए चर्चित संजय ने कहा था,'अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह राज्य में निजाम की संस्कृति के प्रतीकों को नष्ट कर देगी. हम राज्य सचिवालय में बदलाव करेंगे, ताकि यह भारतीय और तेलंगाना संस्कृति के बारे में बताए.'


संजय ने शनिवार को यह भी कहा कि नया सचिवालय, जिसे रविवार को खोला गया था, में 34 गुंबद हैं, जो एक विशेष आकर्षण के रूप में सामने आते हैं. अफसरों के मुताबिक चार तरह के गुंबद बनाए गए हैं. ऐसा अनुमान है कि इन गुंबदों के निर्माण में 90 टन तक लोहे का उपयोग किया गया है. मुख्य भवन में ताजमहल और गुलबर्गा गुम्बद की तर्ज पर दो 'बाहुबली' गुंबद बने हैं.


अफसरों का कहना है कि 34 गुंबद और दो बड़े गुंबदों पर राष्ट्रीय प्रतीक सिंह की आकृति नए सचिवालय का ताज है. 165 फीट की ऊंचाई पर मुख्य गुंबद सचिवालय के आगे और पीछे की तरफ बने हैं। यह पहली बार है जब मुख्य रूप से सरकारी भवनों में आधुनिक संरचनाओं में इतने विशाल गुंबद बनाए गए हैं.