संघ ने कहा- घर वापसी मुहिम के मिल रहे हैं अच्छे नतीजे; मुस्लिम बहुल आबादी वाले जिले पर जताई चिंता
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 16 से 19 अक्टूबर तक हुई संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में संघ के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक के समापन के बाद बुधवार को संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने देश में बढ़ती आआदी और इसके असंतुलन पर चिंता प्रकट की है.
प्रयागराजः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ( RSS leader Dattatreya Hosabale) ने बुधवार को कहा कि धर्मांतरण (Conversion) और बांग्लादेश से घुसपैठ (infiltration from Bangladesh) की वजह से भारत की आबादी में असंतुलन (population imbalance) पैदा हो रहा है. उन्होंने धर्मांतरण रोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने की अपील की है. प्रयागराज के यमुनापार गौहनिया में संवाददाताओं को खिताब करते हुए होसबाले ने कहा, "धर्मांतरण पर संघ जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है.‘घर वापसी’ के अच्छे नतीजे सामने
आए हैं.’’
‘घर वापसी’ इस्लाम और ईसाई धर्म अपना चुके लोगों को दोबारा हिंदू धर्म में वापस लाने का संघ परिवार का एक प्रोग्राम है. संघ पूर्वोत्तर राज्यों में मेघालय और त्रिपुरा में भी ‘‘मैं भी हिंदू हूं’’ के नाम से अपना कार्यक्रम चला रहा है. प्रयागराज में 16 से 19 अक्टूबर तक हुई संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए हैं.
उत्तर बिहार के पूर्णिया और कटिहार का किया जिक्र
होसबाले ने कहा, ‘‘धर्म परिवर्तन से हिंदुओं की आबादी कम हो रही है. जनसंख्या असंतुलन की वजह से कई देशों में विभाजन की नौबत आ गई है. भारत का बंटवारा भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है. इसलिए सभी पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, “जनसंख्या असंतुलन की दूसरी वजह घुसपैठ है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के रास्ते उत्तर बिहार के पूर्णिया, कटिहार जैसे जिलों और अन्य राज्यों में भी जनसंख्या असंतुलन देखने को मिला है.”
धर्मांतरण के बाद बंद हो आरक्षण का फायदा
धर्मांतरण के बाद अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण का फायदा मिलने के मुद्दे पर होसबाले ने कहा, “संघ ने पहले से कहा है कि जो अपना धर्म बदलते हैं, उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए.” इस मुद्दे पर फैसला करने के लिए सरकार द्वारा पूर्व प्रधान न्यायाधीश के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जो इस मामले में अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी.
देश में लगातार बढ़ रही है संघ के शाखाओं की संख्या
प्रयागराज में चार दिवसीय संघ की बैठक में हुई चर्चा का ब्योरा देते हुए सरकार्यवाह होसबाले ने कहा, ’’इस बैठक में देशभर से 372 कार्यकर्ता शामिल हुए हैं. पिछले एक वर्ष में शाखाओं की तादाद 54,382 से बढ़कर 61,045 तक पहुंच गई है, और जिन स्थानों पर शाखाएं लगती हैं, उनकी संख्या 33,658 से बढ़कर 38,192 तक पहुंच गई है.’’ होसबाले ने कहा कि पिछले दो साल में 3000 युवक संघ के कार्य में सहयोग देने के लिए शताब्दी विस्तारक के रूप में जुड़े हैं. साल 2025 में संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है और 2024 के आखिर तक देश के सभी मंडलों में संघ की शाखा पहुंचाने की योजना बनाई गई है. होसबाले ने कहा कि 2010-11 में शुरू किए गए ‘ज्वाइन आरएसएस प्लेटफॉर्म’ के तहत संघ से मर्जी से जुड़ने वाले लोगों की तादाद 1,30,000 तक पहुंच
गई है.
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