मुंबई: कोरोना की दूसरी लहर के सबब फिलहाल पूरा मुल्क सख्त बोहरान से गुज़र रहा है. इस लहर में कोरोना के मरीज़ों की हालत बहुत ही संगीन है. मरने वालों की तादाद में में काफी इज़ाफा देखा गया है. इसी दौरान कई मरीज़ों को स्टेरोइड दे कर भी बचाया जा रहा है, लेकिन स्टेरोइड के हैवी डोज से कई मरीजों को 'म्यूकोरमाइकोसिस' यानी 'ब्लैक फ़ंगस' नाम की बीमारी का भी सामना करना पड़ रहा है. 


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मुंबई में सामने आए  ब्लैक फंगस के 30 मरीज़
कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं कि ब्लैक फ़ंगस के संगीन होने की सूरत में कई मरीज़ों की आंखें तक निकालनी पड़ रही हैं. ये मर्ज़ नाक से शुरू होता है, आंख और दिमाग तक फैलता है. मुंबई में बीएमसी के बड़े अस्पताल 'सायन' में बीते डेढ़ महीने में ब्लैक फंगस के 30 मरीज पाए गए हैं. उन मरीज़ों में से 6 की मौत हुई है और 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी है.


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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स 
एक्सपर्ट्स का कहना है कि की फंगस 2-3 दिन नाक में रहता है और फिर आंख की तरफ जाता है. ऐसे में नाक या कान से खून निकले तो डॉक्टर से राब्ता करना चाहिए.


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कितना खतरनाक है ये मर्ज़
मुंबई के सायन हॉस्पिटल की E.N.T हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. रेणुका ब्रडू ने कहा कि ये बीमारी निहायत ही खतरनाक है. उन्होंने कहा कि तीस मरीज हमने बीते डेढ़ महीने में देखे हैं. इनमें से 11 मरीजों की एक आंख निकालनी पड़ी है. एक मरीज 47 साल की हैं उनकी दोनों आंख निकालनी पड़ी.


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