Meeting On Corona: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कई केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में भारत में एक बार फिर से कोरोना की स्थिति का जायजा लिया गया और यह समझने की कोशिश की गई कि कहीं भारत में तो नए वेरिएंट नहीं फैल रहे हैं. दरअसल कोरोना के नए वेरिएंट आने के बाद भारत की फिक्र बढ़ गई है. सोमवार की शाम कोरोना के ताजा अपडेट के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय में एक अहम मीटिंग की गई. प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ पी के मिश्रा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के आला अधिकारियों और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर विनोद पॉल के साथ एक मीटिंग की है. इस मीटिंग में ICMR के अध्यक्ष को भी बुलाया गया.


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भारत में 7 दिनों में  223 नए मामले
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 7 दिनों में कोरोना वायरस के 223 नए मामले दर्ज किए गए हैं, यानी कि पूरे देश से एक दिन में 50 से भी कम केस रिपोर्ट हुए हैं, जबकि पूरे देश में इन सात दिनों में 2,96000 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. दुनिया भर में 2 नए वेरिएंट आने के बाद सरकार कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती. मीटिंग में एक बार फिर से जिनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने और कोरोना वायरस पर नजर रखने की बात दोहराई गई. BA.2.86 (Pirola) नया वेरिएंट है जो दुनिया के 4 देशों से रिपोर्ट किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग की कैटेगरी में रखा है.



नए वेरिएंट ने बढ़ाई भारत की चिंता
 EG.5 (Eris) नाम का वेरिएंट 50 देश से रिपोर्ट किया गया है. इस वेरिएंट के कुछ केस भारत के महाराष्ट्र में भी मिले हैं. भारत समेत पूरी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट अभी भी नजर आ रहे हैं. जहां पुराने वेरिएंट कमजोर पड़ चुके हैं वहीं इस बात का खतरा अभी नहीं टला है कि अगर वायरस ने कोई नई शक्ल ले ली, यानी कोई ऐसा म्यूटेशन हो गया जो ज्यादा खतरनाक साबित हो जाए तो मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसलिए WHO ने अब निगरानी और कड़ी कर दी है. 17 अगस्त को कोरोनावायरस का नया वेरिएंट BA.2.86 मिलने से चिंता बढ़ गई है.


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