नई दिल्लीः हाल ही में सरकार ने दवाओं की जांच रिपोर्ट जारी की है, जिसे देखकर आप और बीमार पड़ सकते हैं. सरकार की जांच में 53 दवाएं फेल पाई गई है. इनमें तीन दवाएं ऐसी भी हैं, जिनके निर्माता उसे खुद का मानने से ही इंकार कर दिया है. यानी जो दवा मार्केट में बिक रही है, कंपनी उसे बना ही नहीं रही है. गैस और एसिडिटी की दवा पैंटाप्रेज़ोल, बाज़ार में पैन डी और पैन 40 जैसे कई ब्रांड नेम से बेची जा रही है, लेकिन जांच में ये नकली पाए गए है. 
सरकार के ड्रग डिपार्टमेंट ने अलग-अलग दवाओं के लगभग 1306 सैंपल की जांच की थी. 


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पहचान लें नकली दवाएं 
पहले नंबर पर एसीडिटी की दवा पैंटाप्रेज़ोल और डोमपेरिडोन का कॉंबिनेशन बिक रहा है. इसे आप ब्रांड नेम Pan D के नाम से जानते हैं.    Pantoprazole Gastroresistant Tablets IP यानी PAN 40 के नाम से बिक रही बड़ी दवा के फर्जी होने का शक जताया गया है.   Amoxycillin and Potassium एंटीबायोटिक के मामले में भी यही हुआ है.  हाई ब्लड प्रेशर के इलाज की दवा AMLODIPINE AND ATENOLOL, डायबिटीज़ की दवा Metformin Hydrochloride, एसिडिटी कम करने की दवा Rabeprazole और  Folic Acid की दवा भी इसमें शामिल है.   इसके अलावा क्वालिटी टेस्ट में जो दवाएं फेल हुई हैं उनमें एसीडिटी कम करने की दवा, बुखार की दवा, एंटीबायोटिक और कई ऐसी दवाएं शामिल हैं जो लोग केमिस्ट से लेकर खा लेते हैं.   


10 प्रतिशत से ज्यादा दवाएं नकली
World Health Organisation (WHO) के मुताबिक विकासशील देशों में बिकने वाली 10 प्रतिशत से ज्यादा दवाएं नकली हैं, और भारत इस लिस्ट में शामिल है.  हालांकि सरकार का दावा है कि भारत में बिकने वाली कुल दवाओं में से 3 प्रतिशत ही नकली होती हैं. 


 नकली दवाएं और इसका हल  
देश में बढ़ रहे नकली और घटिया दवाओं के फ्रॉड को रोकने के लिए सबसे ज्यादा बेची और खरीदी जाने वाली दवाओं के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ व्यवस्था शुरू करने की योजना बनाई गई है. इस व्यवस्था के पहले स्टेज में दवा कंपनियां सबसे ज्यादा बेचने वाली 300 दवाओं के लेबल पर बारकोड या क्यूआर (quick response-QR) कोड प्रिंट करेंगी, जिसे स्कैन करने पर आप दवा की पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे.  दवा कंपनी के नाम से लेकर दवा की एक्सपायरी डेट तक सब क्यूआर कोड स्कैन करने से पता चल सकेगा.  


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