Maharastra News: मुंबई की एक विशेष कोर्ट ने जबरन वसूली मामले में माफिया दाऊद इब्राहिम के भतीजे और दो दूसरे लोगों को 12 अप्रैल को बरी कर दिया है. तीनों के खिलाफ साल 2019 के जबरन वसूली मामले में कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.


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विषेश कोर्ट के जस्टिस बी डी शेल्के ने गैंगस्टर के भतीजे मोहम्मद रिजवान शेख इब्राहिम (कास्कर), अहमदराजा वधारिया और अशफाक को IPC की धारा 387 (जबरन वसूली के लिए लोगों को मौत या गंभीर चोट पहुंचाने के लिए डराना), 120 (आपराधिक साजिश) और मकोका के संबंधित प्रावधानों के तहत इल्जामों से बरी कर दिया. 


क्या है पूरा मामला
एक बिल्डर ने इल्जाम लगाया था कि उसके बिजनेस पार्टनर ने साल 2019 के जून महीने में उससे 15 लाख रुपये उधार लिए थे. जब बिल्डर ने अपने बिजनेस पार्टनर से पैसे वापस मांगा, तो उसके पास गैंगस्टर छोटा शकील की तरफ से उसके गैंग के सदस्य फहीम मचमच का इंटरनेशनल कॉल आया था. 


वहीं, फरियादी का कहना है कि माफिया दाऊद के भतीजे रिजवान और दूसरे मुल्जिमों ने पैसा न मांगने के लिए बिल्डर को धमकाया था. इस मामले में टोवलवाला ने अपने साथियों के साथ जुर्म करने का इकबालिया बयान भी दिया था. इसके साथ ही अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि सभी मुल्जिमों के खिलाफ सीडीआर और कॉल रिकॉर्डिंग समेत कई सुबूत मिले हैं.