Covid Sub Variant 2023: कोरोनो वायरस के सबवेरिएंट JN.1 ने बढ़ाई चिंता, जानें क्या है डॉक्टर्स का कहना?
New Covid Cases 2023: मुल्क में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कोविड का नया सब वेरिएंट सामने आया है, जिसके कुल 21 मामले रजिस्टर किए गए हैं.
New Covid Cases 2023: नए कोरोनो वायरस सबवेरिएंट JN.1 के मामले आने के बीच भारतीय अधिकारी अलर्ट पर हैं, वैज्ञानिक समुदाय इस स्ट्रेन की बारीकी से जांच कर रहा है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल के मुताबिक, देश भर में अब तक जेएन.1 सब-वेरिएंट के कुल 21 कोविड-19 मामलों का पता चला है और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) जीनोम पर काम कर रही है. 21 मामलों में से 19 गोवा में और एक-एक केरल और महाराष्ट्र में पाए गए हैं.
कोरोना के नए वेरिएंट
JN.1 (BA.2.86.1.1) वैरिएंट 2023 के अंत में उभरा और SARS-CoV-2 के BA.2.86 से यह नया वेरिएंट आया है. BA.2.86, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया, EG.5.1 और HK.3 से फिजिकली काफी अलग है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने इस नए वैरिएंट को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. इसके साथ ही कहा है कि अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
क्या है डॉक्टर्स का कहना?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रमुख डॉ. रोहित कुमार ने कहा, “कोविड एक आरएनए वायरस है, जो समय-समय पर अपना रूप बदलता है और इसके नए रूप सामने आते हैं, और अब एक नया वेरिएंट सामने आया है, जिसे JN.1 नाम दिया गया है. हालांकि, राजधानी दिल्ली में अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है.” डॉक्टर ने आगे कहा,''हम अलर्ट पर हैं, कोरोना के मामलों पर नजर बनाए हुए हैं. मरीजों की टेस्टिंग भी की जा रही है और जो मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं, उन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी भेजा जा रहा है. ताकि नए वेरिएंट का भी पता लगाया जा सके, लेकिन अब तक दिल्ली में नए वैरिएंट का मामला सामने नहीं आया है,"
उन्होंने आगे कहा,"अगर गले में खराश, खांसी, जुकाम, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. खासकर पहले से ही सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों और अस्थमा के मरीजों को खास ख्याल रखने की जरूरत है. डॉक्टर ने बताया कि इस मौसम में जिन लोगों को गंभीर बीमारियों से अधिक सावधान रहना चाहिए, क्योंकि कोविड के कारण मरने वालों में अक्सर दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी गंभीर स्थितियां पहले से मौजूद होती हैं.''