नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन को रोकने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में अगर आप सोचते हैं कि आप कुछ  नहीं कर सकते हैं तो आप गलत हैं. आप अपने छोटे- छोटे प्रयासों से इसमें अपना योगदान दे सकते हैं.  अगर आप एक जोड़ी कपड़ा इस्त्री न करके ऐसे ही पहन लेते हैं तो  200 ग्राम तक कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकते हैं. 


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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) ने एक अनूठी पहल शुरू की है, जिसका नाम दिया है ‘‘रिंकल्स अच्छे हैं’’. इस ओअहल के तहत CSIR हर सोमवार को अपने स्टाफ को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनकर आने के लिए कहा है, जिससे कि तकरीबन 1,25,000 KG कार्बन उत्सर्जन कम किया जा सकता है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT-B) बंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने यह जानकारी दी है.


 हालांकि, CSIR ने साफ़ कर दिया है कि उसके मुख्यालय ने अपनी प्रयोगशालाओं को ऐसा कोई सुर्कलर या आदेश जारी नहीं किया है, जिसमें मुलाज़िमों को इस्त्री किए हुए कपड़े पहनने से बचने को कहा गया हो. 


CSIR ने अपने एक पोस्ट में कहा, ‘‘23 अप्रैल 2024 को पृथ्वी दिवस समारोह के दौरान आईआईटी-बंबई (IIT-B) के प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने सीएसआईआर-मुख्यालय (CSIR) में जलवायु घड़ी कायम करने के बाद अपने भाषण में ऐसे विचार साझा किए थे.’’प्रोफेसर सोलंकी ने जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सीएसआईआर (CSIR) इमारत के शीर्ष पर भारत की सबसे बड़ी जलवायु घड़ी स्थापित की है.


‘रिंकल्स अच्छे है’ पहल का मकसद हर किसी को ऊर्जा बचाने, पर्यावरण की हिफाजत करने और जलवायु परिवर्तन के बारे में बेदारी फैलाने के बारे में याद दिलाना है. ‘एनर्जी स्वराज मूवमेंट’ के संस्थापक चेतन सिंह सोलंकी ने कहा, ‘‘हम हर सोमवार को करीब 1,25,000 किग्रा. कार्बन उत्सर्जन कम कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन के सबसे आसान समाधानों में से एक है ‘कुछ न करना.’’ उन्होंने कहा, ‘


चेतन सिंह सोलंकी ने कहा, "एक जोड़ी कपड़ा इस्त्री न करके हम 200 ग्राम तक कार्बन उत्सर्जन से बच सकते हैं. हम लाखों लोग अगर ऐसा करते हैं तो बड़ी मिकदार में कार्बन उत्सर्जन को कम कर सकते हैं. अभी हर सोमवार को 6,25,000 लोग इस मुहिम में  शामिल हो रहे हैं. हम हर सोमवार को करीब 1,25,000 किग्रा. कार्बन उत्सर्जन को कम कर रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि इस साल के आखिर तक एक करोड़ से ज्यादा लोग इस मुहिम में शामिल होंगे.’’