नई दिल्लीः केंद्र की मोदी सरकार को नौ साल पूरे हो गए हैं. इस बीच सरकार अपने नौ साल पूरे करने का जश्न मना रही है और 2024 के लोक सभा चुनाव में भी अपनी जीत का दावा कर रही है. भाजपा विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन और एकता से बेपरवाह होकर मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा कर रही है कि अगला चुनाव भी मोदी के दम पर लड़ेगी और इसमें कामयाबी हासिल करेगी.
इसी बीच सीवोटर द्वारा प्रधानमंत्री  मोदी को लेकर एक सर्वे किया गया है, जिसमें हर पांच में से करीब तीन भारतीय मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 'हिंदुत्व’ और 'राष्ट्रवाद’ की फिक्र करती है और यही इस सरकार की यूएसपी है. सीवोटर द्वारा पूरे भारत में किए गए एक विशेष सर्वे के दौरान इसका खुलासा किया गया है. उनके समर्थक ये भी मानते हैं कि मोदी के शासनकाल में मध्य पूर्व के कई देशों में हिंदू मंदिरों का निर्माण किया गया है. 


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गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने लोकसभा चुनावों में भाजपा के इतिहास में पहली बार पार्टी को 282 सीटों के ऐतिहासिक बहुमत से आम चुनाव में जीत दिलाई थी. 2014 के चुनावी मुहिम के दौरान, मोदी एक ऐसे नेता के रूप में उभरकर सामने आए, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से एक हिंदू हृदय सम्राट के रूप में अपनी पहचान बनाई और खुद को राष्ट्रवाद का सबसे बड़ा पैरोकार बताया. भाजपा की इस रणनीति ने चुनाव में वोटों का जबरदस्त ध्रुवीकरण किया और इस तरह उनके आलोचक भी उनमें एक करिशमाई व्यक्तित्व वाला प्रधानमंत्री की छवि देखने लगा. 


मुस्लिम समुदाय के बहुमत को छोड़ दिया जाए तो लोग मानते हैं कि मोदी का शासन बेहतर है. हालांकि, हिंदुत्व की राजनीति को लेकर राजग और यूपीए समर्थकों के बीच बड़ा मतभेद है.  61 प्रतिशत से अधिक यूपीए समर्थकों की राय है कि “नरेंद्र मोदी शासन की राजनीति मुख्य रूप से हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के इर्द-गिर्द घूमती है. वहीं लगभग 52 प्रतिशत एनडीए समर्थक भी यही मानते हैं.  
हालांकि, कुछ एनडीए समर्थक मोदी का समर्थन करने कारण मोदी शासन के मुख्य एजेंडे के हिस्से के रूप में कल्याणकारी योजनाओं का भी हवाला देते हैं. वह मानते हैं कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जोर-शोर से शुरू हो गया है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पूरा हो गया है. उज्जैन महाकाल मंदिर में नए ढांचे का काम पूरा हो गया है, और कई धार्मिक पर्यटन यात्राएं लॉन्च किए गए हैं. कुछ समर्थक ये भी मानते हैं कि मोदी के शासनकाल में पश्चिम एशिया के कई देशों में भी हिन्दू मन्दिर खोले गए हैं.


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