गयाः बिहार के गया का एक सरकारी अस्पताल एक अनोखी शादी का गवाह बन गया है. यहां एक मां की आखिरी ख्वाहिंश पूरी करने के लिए उसकी बेटी ने आईसीयू में ही सात जन्मों तक साथ निभाने के वादे के साथ एक लड़के के साथ शादी कर ली. हालांकि, शादी के महज दो घंटे बाद ही लड़की की मां की मौत हो गई. अब इस अनोखी शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है.
यह मामला गया के मजिस्ट्रेट कॉलोनी के एक निजी अस्पताल का है, जहां गुरारू प्रखंड के बाली गांव के निवासी ललन कुमार की पत्नी पूनम कुमारी वर्मा अपना इलाज करा रही हैं. उनकी हालत काफी गंभीर बताई जा रही है. यहां तक कि डॉक्टरों ने किसी भी स्थिति के लिए परिजनों को तैयार रहने की सलाह दे चुके हैं. यानी पूनम वर्मा की कभी भी मौत हो सकती है. 

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डॉक्टरों ने दे दिया था मौत होने का संकेत 
डॉक्टरों के इस तरह के संकेत के बाद परिजनों ने उनसे कोई इच्छा हो तो उसे बताने के लिए कहा. तब पूनम वर्मा ने अपने परिजनों से कहा कि उनकी अंतिम इच्छा है कि वह मरने से पहले अपनी बेटी चांदनी के हाथ पीले और मांग में सिंदूर देखना चाहती हैं. हालांकि, चांदनी की शादी गुरुआ थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव के निवासी विद्युत कुमार के पुत्र सुमित गौरव के साथ पहले से ही तय हो चुकी थी. दोनो की सगाई की रस्म भी 26 दिसंबर को होनी थी. 

आखिरी ख्वाहिंश पर दोनों परिवार हो गए राजी 
परिजनों ने पूनम वर्मा यानी चांदनी की मां की आखिरी इच्छा की जानकारी सुमित के परिजनों को दी. इसके बाद दोनों परिवारों ने आपसी रजामंदी से पूनम की आखिरी ख्वाहिंश पूरी करने के लिए अस्पताल में ही शादी करने का प्लान बना लिया. इसके बाद अस्पताल में ही आईसीयू के बाहर सुमित गौरव और चांदनी की  शादी कर दी गई. बिना किसी रीति रिवाज के वर-वधू ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और फिर दोनों परिणय सूत्र में हमेशा के लिए बंध गए. इस दौरान दोनों पक्षों के दो चार लोग ही मोजूद थे. 

दिल की मरीज थीं पूनम वर्मा 
शादी के बाद चांदनी कुमारी ने बताया कि उनकी मां पूनम कुमारी वर्मा मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एएनएम के ओहदे पर कार्यरत थीं और कोरोना काल से ही लगातार बीमार रह रही थीं. वह दिल की बीमारी से पीड़ित थीं. चांदनी ने बताया कि मां की इच्छा रखने के लिए अस्पताल में शादी कर ली और इस बात की मुझे काफी खुशी है. 


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