Delhi commission for woemn Employees Terminated: आपने अलग-अलग कंपियों की छटनी के बारे में सुना होगा. अब डीसीडब्ल्यू यानी दिल्ली वुमेन कमीशन में भी छटनी हुई है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) से 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. आरोप है कि डीसीडब्ल्यू की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना अनुमति के उनकी नियुक्ति की थी.


दिल्ली कमीशन ऑफ वुमेन से कर्मचारियों को निकाला गया


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दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने इन नियुक्तियों को अवैध मानते हुए हटाने की मंजूरी दी है. डीसीडब्ल्यू को उन्हें तत्काल हटाने के लिए गुरुवार, 2 मई को एक आधिकारिक नोटिस मिला था. जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है.



नोटिस में क्या लिखा है?


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,"सरकार की मंजूरी से डीसीडब्ल्यू को सभी संविदा कर्मचारियों की सेवा तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए सूचित किया जाता है, जिन्हें डीसीडब्ल्यू के जरिए किसी भी वक्त , अपनी प्रत्यायोजित शक्तियों से परे जाकर और डीसीडब्ल्यू अधिनियम में निर्धारित विभिन्न प्रक्रियाओं का पालन किए बिना नियुक्त किया गया है."


स्वाति मालीवाल ने क्या कहा?


एलजी के इस फैसले के बाद स्वाति मालिवाल का बयान आया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,"LG साहब ने DCW के सारे कॉंट्रैक्ट स्टाफ को हटाने का एक तुग़लकी फ़रमान जारी किया है. आज महिला आयोग में कुल 90 स्टाफ है जिसमें सिर्फ़ 8 लोग सरकार द्वारा दिये गए हैं, बाक़ी सब 3 - 3 महीने के कॉंट्रैक्ट पे हैं. अगर सब कॉंट्रैक्ट स्टाफ हटा दिया जाएगा, तो महिला आयोग पे ताला लग जाएगा. ऐसा क्यों कर रहे हैं ये लोग? खून पसीने से बनी है ये संस्था. उसको स्टाफ और सरंक्षण देने की जगह आप जड़ से ख़त्म कर रहे हो? मेरे जीते जी मैं महिला आयोग बंद नहीं होने दूंगी. मुझे जेल में डाल दो, महिलाओं पे मत ज़ुल्म करो!