CBI Bank Loan Fraud Case: सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर पर बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने दोनों को 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक द्वारा स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है.


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अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बता है कि कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में आरोपी के तौर पर दर्ज किया था.


क्या है मामला?


आपको बता दें वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर के साथ बिजनेस करते हैं. चंदा कोचर और उनके पति पर आरोप लगा कि वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की सह स्वामित्व वाली कंपनी के ज़रिए लोन का एक बड़ा हिस्सा स्थानांतरित किया और लगभग 94.99 फ़ीसदी होल्डिंग वाले बड़े शेयर्स महज 9 लाख रुपये में स्थानांतरित  कर दिए गए. हालांकि बैंक ने उस समय इस मामले को निपटने की काफी कोशिश की थी. लेकिन बाद में यह केस सामने आया.


आईसीआईसीआई बैंक ने एक इंडेपेंडेंट जांच करने का फैसला और 30 मईज 2018 को बोर्ड ने व्हिसल ब्लोवर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट की जांच पूरी हुई और चंदा कोचर को दोषी करार दिया गया. जिसके बाद ईडी ने 2020 में चंदा कोचर, दीपक कोचर और उनकी कंपनियों से जुड़ी 78 करोड़ रुपयों की संपत्ति कुर्क कर ली और केस बढ़ता गया.


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