Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस' के अवसर पर पूर्व सैनिकों को संबोधित किया. अपने खिताब के दौरान उन्होंने कहा कि साल 1971 की जंग में पाकिस्तान के 90,000 से ज्यादा फौजियों ने भारत के सामने सरेंडर कर दिया था. हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा सलूक कर सकते थे, लेकिन हमारी संस्कृति और रिवायत ऐसी है. हमने पूरी तरह से इंसानी नजरिया अपनाया और उन्हें पूरे एहतेराम के साथ उनके देश वापस भेजा. रक्षा मंत्री ने कहा कि, दुश्मन देश के फौजियों के साथ ऐसा बर्ताव इंसानियत के सुनहरे अध्यायों में से एक है.


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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एयरफोर्स स्टेशन, कानपुर में पूर्व सैनिक रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि फौजी हर भारतीय के दिल में एक खास स्थान रखते हैं. "हमारे फौजी परिवार, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठ कर सिर्फ देश के बारे में सोच रखते हैं. वे अपने कर्तव्यों को असरदार तरीके से पूरा करते हैं. वे यह जानते हैं कि अगर राष्ट्र सुरक्षित है, तो सभी कुछ सुरक्षित है. इससे उन्हें हर चुनौती का सामना करने के लिए नैतिक बल मिलता है.



राजनाथ सिंह ने कहा कि रिटायर्ड फौजियों की भलाई को यकीनी बनाने की कोशिशों में कमी नहीं आएगी. उन्होंने आगे कहा कि जहां सरकार देश की तरक्की के लिए और अधिक प्रयास कर रही है, वहीं जनता की भी यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे फौजियों और उनके आश्रितों के साथ अपने परिवार की तरह व्यवहार करें और यह सुनिश्चित करें कि हमेशा उनके हित में रहें. राजनाथ सिंह ने बताया कि देश के फौजियों की बहादुरी, अखंडता और इंसानियत की न सिर्फ पूरे देश में बल्कि पूरे दुनिया में एक खास पहचान है.



बता दें कि, रिटायर्ड सैनिकों को सम्मान देने के लिए पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर 14 जनवरी को 'पूर्व सैनिक दिवस' मनाया जा रहा है. इसे यादगार बनाने के लिए श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद, कोच्चि समेत कई जगहों पर पुष्पांजलि समारोह और पूर्व सैनिक रैलियां आयोजित की जा रही हैं.