दिल्ली की एक अदालत ने  गुरुवार को साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे "बड़ी साजिश" से जुड़े मामले में दो आरोपियों की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी. जज अमिताभ रावत शादाब अहमद और सलीम मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. अदालत से अहमद ने चिकित्सा आधार पर कम से कम 90 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी, वहीं मलिक एक पिता के रूप में अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए छह सप्ताह की समान राहत चाहता था.


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हो रहा बीमारी का इलाज
मेडिकल रिपोर्टों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि अहमद को उसकी बीमारी के लिए जेल में उचित देखभाल और इलाज दिया जा रहा है और आवश्यक दवाओं के साथ-साथ उसे उच्च प्रोटीन आहार भी दिया जा रहा है. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "आरोपी को भी विशेष अस्पताल ले जाया गया. अन्य सभी परीक्षण किए गए और डॉक्टरों ने कार्रवाई की. बीमारी ऐसी नहीं है कि अस्पताल में भर्ती होने या सर्जरी की जरूरत पड़े. आरोपी ठीक हो रहा है." अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "यह ऐसा मामला भी नहीं है जहां आरोपी के बेटे की चिकित्सीय स्थिति ऐसी है कि तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता हो."


अभिभावक जमा करें फीस
अदालत ने अंतरिम जमानत की मांग करने वाली मलिक की याचिका पर गौर किया क्योंकि उसे अपने एक बेटे की सेमेस्टर फीस का भुगतान करना था और दूसरे बीमार बेटे से मिलना था. इसमें कहा गया है "यह तर्क कि सेमेस्टर फीस का भुगतान करना होगा, अंतरिम जमानत की अनुमति देने के लिए पर्याप्त नहीं है, इस तथ्य को देखते हुए कि यह साफ नहीं किया गया है कि धन की व्यवस्था कैसे की जाएगी. इसके अलावा, यदि धन किसी से लेना है, तो परिवार के सदस्य भी ऐसा कर सकते हैं," 


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