Delhi Flood: केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है. जिसका अधिकतम जलस्तर सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली रेलवे ब्रिज पर 206.56 मीटर था.


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रविवार शाम शहर के कई हिस्सों में बारिश होने के बाद रविवार रात 10 बजे नदी 206.44 मीटर पर बह रही थी. केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों से पता चलता है कि जल स्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह 9 बजे 205.96 मीटर हो गया है. जो रात 9 बजे बढ़कर 206.42 मीटर हो गया है.


यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण उत्तर रेलवे ने रविवार रात 10:15 बजे से पुराने यमुना पुल पर परिचालन बंद करने की घोषणा की है. यमुना में जलस्तर में बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ जैसी स्थिति को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ गई है. आपको बता दें कि रविवार को प्रशासन की ओर से सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए निचले इलाकों को खाली कराने के लिए कई घोषणाएं की गईं है.



जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. दिल्ली के राजस्वमंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था, "स्थिति ने चिंता पैदा कर दी है. जिससे सरकार को निवासियों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है."


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की थी कि सोमवार से राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाकों में बारिश की गतिविधि धीरे-धीरे बढ़ेगी क्योंकि मानसून ट्रफ इस क्षेत्र के करीब पहुंच जाएगा. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, "सोमवार को हल्की बारिश और गुरुवार तक अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है."


आपको बता दें कि नोएडा में यमुना की सहायक हिंडन नदी में भी शनिवार को जल स्तर में वृद्धि देखी गई है. जिससे निचले इलाकों में स्थित कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित नदी के ऊपरी हिस्से वाले राज्यों में भारी बारिश होने के बाद अधिकारियों ने नदी के नजदीक के इलाकों में भी प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. जिससे बाढ़ का खतरा फिर से पैदा हो गया है. जिससे एक सप्ताह पहले ही जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. आईएमडी ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्से पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जलभराव और बाढ़ से जूझ रहे हैं. शुरुआत में 8 और 9 जुलाई को भारी बारिश के कारण भारी जलभराव हुआ था. शहर में केवल दो दिनों में अपने मासिक वर्षा कोटा का 125% प्राप्त हुआ है.