नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब की किल्लत को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों की मौजूदा लाइसेंस की अवधि 30  सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है. दिल्ली में शराब की 468 निजी दुकानें 31 जुलाई को लाइसेंस की समाप्ति के बाद सोमवार से बंद होने वाली थीं. इसी बीच सरकार ने लाइसेंस की अवधि को बढ़ाने का फैसला किया. हालांकि, उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद ही आबकारी विभाग के आदेश से शराब की दुकानें खुलेंगी.


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एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली सरकार ने शराब की दुकानों के मौजूदा लाइसेंस की अवधि को दो महीने यानी 30  सितंबर तक बढ़ाने के कैबिनेट के फैसले को उपराज्यपाल के पास भेज दिया है. 31 जुलाई के बाद शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति देने के आदेश उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी किए जाएंगे.  दिल्ली आबकारी विभाग की तरफ से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि दिल्ली में देशी शराब की आपूर्ति के लिए L-3/33 लाइसेंस को दो महीनों की एक और अवधि के लिए अर्थात 1 अगस्त 2022 से 30 सितंबर 2022 तक बढ़ाया जा रहा है. 



हुकूमत के एक सूत्र के मुताबिक, चूंकि सरकार ने पुरानी आबकारी नीति को लागू करने और अपनी एजेंसियों के माध्यम से दुकानें चलाने का फैसला किया है. इससे दिल्ली में शराब की कमी हो सकती थी, क्योंकि नई दुकानों को खुलने में अभी वक्त लगेगा, इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया है ताकि शराब की कमी से निजात मिल सके.


वहीं, इससे पहले शनिवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि मौजूदा विवाद को बीच दिल्ली सरकार फिर से नवंबर 2021 से पहले पॉलिसि ही लागू करेगी. यानी सरकार ने फैसला कर लिया है कि दिल्ली में सरकारी शराब के ठेके फिर से चलेंगे और प्राइवेट ठेके बंद हो जाएंगे.


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