Delhi Liquor Policy: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के पास कथित दिल्ली आबकारी पॉलिसी मामले में उनकी मौजूदगी दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है. सिसोदिया ने कहा कि मुझे निशाना बनाया जा रहा है ताकि जेल में रखा जा सके. दिल्ली शराब पॉलिसी घोटाले से जुड़े सीबीआई के केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई की, हालांकि हाईकोर्ट से सिसोदिया को जमानत नहीं मिली. अब हाईकोर्ट में 26 अप्रैल को सुनवाई होगी. 


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सीनियर वकील दयान कृष्णन ने आम आदमी पार्टी के लीडर की तरफ से जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पेंच के सामने कहा कि सिसोदिया को छोड़कर सीबीआई मामले के सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसी यह साबित करने में नाकाम है कि मनीष सिसोदिया ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सिसोदिया की तरफ से कृष्णन ने दलील देते हुए कहा कि, वे कहते हैं कि मैं सहयोग नहीं करता, यह मुझे जमानत देने से इनकार करने की बुनियाद कभी नहीं हो सकती. अगली सुनवाई में ASG राजू CBI की तरफ से दलीले पेश करेंगे. 



सिसोदिया के एक और  सीनियर वकील मोहित माथुर ने कहा कि सीबीआई के आंकड़े सिर्फ कागजों तक सीमित हैं और पैसे के लेनदेन का कोई सबूत नहीं मिला है. माथुर ने सिसोदिया की ओर से दलील दी, उन्होंने कहा, मुझे विजय नायर के माध्यम से इस कथित साजिश का मुख्य सूत्रधार बनाया गया है, लेकिन विजय नायर को सितंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था और आरोपपत्र दाखिल होने से पहले ही नवंबर में रिहा कर दिया गया था, जबकि मुझे फरवरी 2023 में जाकर दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, इसलिए, मेरे बारे में ये सभी इल्जाम कि, मैं गवाहों को प्रभावित करता हूं, पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.


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