Delhi News: साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तिसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होगा. राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए तेल व्यापार कंपनियां (OMC) अगस्त से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4 से 5 रूपया प्रति लीटर की कटौती कर सकती है. 


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जानकारी के लिए बता दें कि जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने एक शोध में कहा कि तेल कंपनियों का अंदाजा ठीक ठाक प्रतीत होता है. लेकिन तेल कंपनी व्यवसाय में कमाई पर महत्वपूर्ण अनिश्चितता बनी हुई है. ओपेक प्लस (OPEC PLUS) की मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति अगले 9 से 12 महीनों के दौरान कच्चे तेल की कीमत को बढ़ा सकती है. ईधन कंपनीयों को उम्मीद है कि कच्चे तेल की कीमत अस्सी डॉलर, बैरल से नीचे बना रहेगा. हालांकि यह सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023 कि अंडर-रिकवरी की पुरी तरह भरपाई करेगा.


एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओएमसी (OMC) का अंदाजा ठीक-ठाक है. लेकिन चुनाव के दौरान कच्चे तेल की कीमत में तेज उछाल से आय को खतरा पैदा हो सकता है.  अगर ब्रेंट क्रूड की कीमत 85 डॉलर से अधिक हो जाती है और तेल की कीमत में कोई कटौती होती है तो तेल कंपनियों की कमाई पर खतरा पैदा हो सकता है. क्योंकि चुनाव के दौरान तेल की कीमत में कटौती की संभावना काफी कम है.


जानकारी के लिए बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का अनुमान है. ओपेक प्लस अपनी मजबूत मूल्य निर्धारण शक्ति को देखते हुए जो सऊदी अरब के राजकोषीय ब्रेक-ईवन क्रूड की कीमत है. उस पर ब्रेंट क्रूड की कीमत को 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल पर समर्थन देना जारी रहेगा. 


साल के अंत में पांच प्रमुख राज्यों में चुनाव को देखते हुए तेल कंपनियों को अगस्त से पेट्रोल और डीजल की कीमत में 4 से 5 रूपये प्रति लीटर की कटौती करने के लिए कहा जाता सकता है. क्योंकि ओएमसी ( OMC) की बैलेंस शीट काफी हद तक ठीक हो चुकी है और वित्त वर्ष 2024 में मजबूत मुनाफा दर्ज करने की उम्मीद है. हांलाकि रिपोर्ट में संभावित कटौती की समयसीमा और मात्रा का उल्लेख नही किया गया है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कच्चे तेल की कीमत क्या है और डॉलर के मुकाबले रूपए की क्या स्थिति है ? 


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