Delhi News: आधार कार्ड में उंगलियों के स्कैनिंग नहीं होने की वजह से लाखों लोग आधार कार्ड बनाने से वंचित हैं. इस परेशानी से निजात पाने के लिए सरकार नई तकनीक ‘आईरिस’ स्कैन को लेकर आई है. इस तकनीक के माध्यम से उंगलियों के निशान नहीं होने के बाद भी लोग आधार कार्ड बनाने के लिए नामांकन करा सकते हैं.     


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सरकार ने शनिवार को कहा कि ‘आधार’ के लिए पात्र व्यक्ति ( Elligible Person ) उंगलियों के निशान नहीं होने की स्थिति में भी ‘आईरिस’ स्कैन का उपयोग करके आधार कार्ड के लिए नाम दर्ज करा सकता है. यह बयान इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ( Rajeev Chandrashekhar ) द्वारा केरल में एक महिला के नामांकन को सुनिश्चित करने के लिए दिया है. महिला के उंगलियों में निशान नहीं होने की वजह वह आधार नहीं बना सकी थी.


 बयान के मुताबिक, "भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की एक टीम ने उसी दिन केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकम में रहने वाली जोस से उसके घर पर मुलाकात की और उसका आधार नंबर तैयार किया. चंद्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सर्विस सेंटरों से कहा गया है कि वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर धुंधली उंगलियों के निशान या इसी तरह की दिव्यांगता वाले अन्य लोगों को आधार जारी किया जाना चाहिए".


“एक आदमी जो आधार के लिए एलिजिबल है, लेकिन उंगलियों के निशान देने में असमर्थ है, वह केवल आईरिस स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है. इसी प्रकार, एक पात्र व्यक्ति जिसकी आंखों की पुतली किसी भी वजह से नहीं ली जा सकी है, वह केवल अपने फिंगरप्रिंट का उपयोग करके नामांकन कर सकता है.” 



वैसे लोग जिनकी उंगली और आईरिस बायोमेट्रिक्स, दोनों ही देने में असमर्थ है तो ऐसे में नाम, लिंग, पता और जन्मतिथि का दिए बायोमेट्रिक्स के साथ मिलान किया जाता है.